दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-इन ने बुधवार को कहा कि वह परमाणु संपन्न देश उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन के साथ बैठक करना चाहेंगे. मून ने यह बात तब कही जब उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक में अपने एथलीटों को भेजने का फैसला लिया है.
बता दें कि विसैन्यीकृत क्षेत्र के पनमुनजोम में दक्षिण कोरिया के साथ मंगलवार दो वर्ष बाद हुई पहली आधिकारिक वार्ता में अपने एथलीटों और अधिकारियों को ओलंपिक खेलों के लिए भेजने पर सहमत हुआ. इससे पहले उत्तर कोरिया ने साल 1988 में सियोल में हुए ग्रीष्मकालीन ओलंपिक का बहिष्कार किया था.
परमाणु निरस्त्रीकरण पर बातचीत
मून ने कहा, "यह महज शुरुआत है. अभी पहला कदम उठाया गया और मुझे लगता है कि हमने अच्छी शुरुआत की. उत्तर कोरिया को परमाणु निरस्त्रीकरण पर बातचीत करने के लिए राजी करना अगला कदम है. उन्होंने कहा कि वह उचित परिस्थितियों में किसी भी समय बैठक करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि यह महज बैठक नहीं हो सकती. बैठक करने के लिए उचित परिस्थितियां होनी चाहिए और कुछ परिणाम निकलने चाहिए."
बता दें कि मून उत्तर कोरिया के हथियार कार्यक्रम पर बातचीत करने का लंबे समय से समर्थन करते रहे हैं. लेकिन अमेरिका का कहना है कि उत्तर कोरिया को अमेरिका के साथ बातचीत करने के लिए परमाणु हथियारों का परीक्षण रोकना होगा.
अमेरिका के साथ कोई वैचारिक मतभेद नहीं
मून ने कहा, "हमारे अमेरिका के साथ कोई वैचारिक मतभेद नहीं हैं. वे सुरक्षा के बारे में विचार साझा करते हैं, साथ काम करते हैं और दोनों ही उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों से चिंतित हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों का मकसद उत्तर कोरिया को बातचीत के लिए राजी करना है. कड़े प्रतिबंधों से तनाव बढ़ सकता है. दुर्घटनावश सशस्त्र संघर्ष पैदा हो सकता है. लेकिन शुक्र है कि उत्तर कोरिया तनाव और बढ़ने से पहले बातचीत के लिए आया."
डोनाल्ड ट्रंप का जताया आभार
उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों के लिए उनका आभार जताया. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि अंतर-कोरियाई वार्ता को वास्तविकता में बदलने में राष्ट्रपति ट्रंप की भूमिका बहुत बड़ी है. मैं उनका आभार जताना चाहता हूं.
उ.कोरिया पर दबाव बनाने की नीति में कोई बदलाव नहीं
उत्तर कोरिया के मुख्य कूटनीतिक और कारोबारी सहयोगी चीन और रूस ने उत्तर-दक्षिण कोरिया वार्ता का स्वागत किया है. जापान के शीर्ष सरकारी प्रवक्ता योशिहिदे सुगा ने कहा कि जापान ओलंपिक खेलों में उत्तर कोरिया के भाग लेने की इच्छा को बहुत अहमियत देता है. लेकिन उत्तर कोरिया पर तब तक अधिकतम दबाव बनाने की हमारी नीति में कोई बदलाव नहीं होगा जब तक वह अपनी नीति नहीं बदलता.