हमने आपको कुछ दिन पहले बताया था कि अमेरिका की एक लड़की दिन भर शॉपिंग करती है और शॉपिंग के वीडियो यूट्यूब पर पोस्ट कर देती हैं. इन्हीं वीडियो से वो हर महीने लाखों डॉलर कमा रही है. आज हम जिस महिला की बात कर रहे हैं वो सिर्फ कम्प्यूटर के आगे खाना खाकर हर महीने लगभग 6 लाख रुपये कमा रही है. चौंकिए मत, यह पूरी तरह सच है.
जी हां, दक्षिण कोरिया की रहने वाली यह महिला एक अजीब तरह का ऑनलाइन ट्रेंड बन गई है. कंसल्टेंसी फर्म में काम करने वाली 34 साल की पार्क सीयो-येओन नौकरी छोड़कर अब अपनी सारी ऊर्जा कैमरे के सामने डिनर करने में लगाती हैं और लाइव स्ट्रीमिंग साइट के जरिए अपने वीडियो ब्रॉडकास्ट कर देती हैं.
पार्क सीओल स्थित अपने फ्लैट में बड़े-बड़े कटोरों में खाना खाती हैं. हर रोज हजारों लोग उन्हें खाना खाते हुए देखते हैं. पार्क का ऑनलाइन नाम दीवा है.
पार्क कैमरे के सामने तीन घंटे तक खाना खा सकती हैं और हर महीने वो विज्ञापनों के जरिए करीब 6 लाख रुपये कमा रही हैं. इस तरह कैमरे के सामने खाना खाने के इस ट्रेंड को गैसट्रोनोमिक व्वॉयरिज्म कहा जाता है. यह ट्रेंड धीरे-धीरे पूरे दक्षिण कोरिया में मशहूर होता जा रहा है. आपको बता दें कि दुनिया में दक्षिण कोरिया एक ऐसा देश है जहां अकेले रहने वाले लोगों की तादाद सबसे ज्यादा है.
इस तरह के ऑनलाइन शोज़ का मकसद यही है कि जो लोग अकेले रहते हैं और अकेले खाना खाते हैं उन्हें खाने के दौरान कंपनी मिल जाए. पार्क पिछले तीन साल से अपना शो चला रही हैं. उनके मुताबिक, 'लोगों को तब बहुत अच्छा लगता है जब कोई और उनके बदले वो काम करे जिसे वो खुद नहीं कर पाते हैं. यानी कि अगर कोई ज्यादा नहीं खा सकता है या डायट पर है तो वो इस तरह दूसरे को खाता देख खुश हो सकता है'.
पार्क कहती हैं, 'अकेलापन भी बहुत बड़ा कारण है. आपको इस शो की लत लग जाती है क्योंकि आप घर बैठे ही हजारों लोगों के साथ खाना खा सकते हैं'.
इस अजीब से क्रेज मोक-बैंग कहा जाता है, जिसका मतलब 'डिनर' और 'ब्रॉडकास्ट' है. ऐसा माना जाता है कि दक्षिण कोरिया में लगभग 3,500 लोग अपना लाइव ईटिंग शो चला रहे हैं. हर रात ये लोग कैमरे के सामने खाना खाते हैं और हजारों लोग लाइव-स्ट्रीमिंग साइट Afreeca TV के जरिए उन्हें खाते हुए देखते हैं.
लाइव-स्ट्रीमिंग के दौरान पार्क की डिनर टेबल पर पिज्जा, 30 फ्राइड अंडे और नूडल्स जैसी कई चीजें होती हैं. हालांकि पार्क का कहना है कि उन्हें खाने की बीमारी नहीं है और वो पूरी तरह स्वस्थ हैं.