दक्षिणी सूडान में सेना को वेतन भुगतान के तौर पर महिलाओं से बलात्कार करने की इजाजत दी जाती है. यह कहना है संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का. रिपोर्ट में सरकार समर्थक मिलिशया का खौफनाक चेहरा सामने आया है.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच के मुताबिक दक्षिणी सूडान के यूनिटी राज्य में पिछले साल 1300 महिलाओं का रेप किया गया. इतना ही नहीं रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सेना आम लोगों की हत्याएं करती है, उन्हें जिंदा जला देती है. यह युद्ध अपराध के बराबर है.
हालांकि दक्षिणी सूडान की सरकार ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. राष्ट्रपति सल्वा कीर के प्रवक्ता ने कहा कि वे नियमों के अनुसार काम करते हैं.
'जो कर सकते हो करो'
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक सेना के साथ सरकार के समझौते में लड़ाकों को कहा गया है कि वे जो कर सकते हैं करें, जो ले जा सकते हैं ले जाएं. इसी समझौते के तहत लड़ाके लड़कियों और महिलाओं को साथ ले जाते हैं. इतना ही नहीं लड़ाके आम लोगों के मवेशी और निजी संपत्ति भी ले जाते हैं.
खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार आयुक्त जैद राद अल हुसैन के मुताबिक दक्षिणी सूडान में बड़े पैमाने पर यौन हिंसा होती है. यह दुनिया में सबसे जघन्य मानवाधिकारों के हनन में शामिल है.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस देश में जिसने भी विपक्ष का समर्थन किया उनके साथ अत्याचार किया गया. विकलांगों और बच्चों को भी जिंदा जला दिया गया. एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक 60 से ज्यादा पुरुषों को एक कंटेनर में डालकर दम घोंट दिया गया. इतना ही नहीं आम लोगों को टुकड़ों में काट दिया जाता है.
बता दें कि दक्षिणी सूडान दिसंबर 2013 से गृहयुद्ध शुरू हुआ था. राष्ट्रपति कीर द्वारा उपराष्ट्रपति रीक माशर को पद से हटाया और उपराष्ट्रपति पर तख्तापलट का आरोप भी लगाया. माशर ने हालांकि इन आरोपों से इनकार किया लेकिन तभी से उन्होंने सरकार से लड़ने के लिए एक विद्रोही सेना भी बना ली. दोनों गुटों के बीच संघर्ष में अभी तक हजारों लोग मारे जा चुके हैं.