पड़ोसी देश श्रीलंका में हुए आतंकी हमले में मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है. बुधवार सुबह तक मरने वालों का आंकड़ा 359 तक पहुंच गया है. श्रीलंका के रक्षा मंत्री रुवान विजेवर्धने ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी, उन्होंने बताया कि मरने वालों में 39 विदेशी नागरिक थे. साथ ही उन्होंने ये भी खुलासा किया कि भारत की ओर से हमले को लेकर चेतावनी दी गई थी, लेकिन उसकी जानकारी हमारे प्रधानमंत्री तक नहीं पहुंच पाई थी.
श्रीलंका के रक्षा मंत्री ने बताया कि भारत ने आतंकी हमले से जुड़ी कुछ रिपोर्ट्स पहले ही श्रीलंका को दी थीं. लेकिन वह कभी हमारे प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे तक नहीं पहुंच पाईं. उन्होंने बताया कि ये इनपुट राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना को मिला था, जिसपर उन्होंने जांच करने का भरोसा जताया था. लेकिन प्रधानमंत्री और रक्षा एजेंसियों को इनके बारे में सूचित नहीं किया.
उन्होंने बताया कि हमले के बाद भी भारत सबसे पहले मदद का प्रस्ताव देने वाला देश था. रक्षा मंत्री के अनुसार बुधवार सुबह भी एक संदिग्ध मोटरसाइकिल की सूचना मिली थी, लेकिन बम की अफवाह गलत थी. इसकी खबर आते ही सुरक्षा टीम वहां पर पहुंच गई थी.
State Defence Minister @RWijewardene addresses media on #SriLankaBlasts.@IndiaToday https://t.co/0BPVMmUlmr
— Geeta Mohan گیتا موہن गीता मोहन (@Geeta_Mohan) April 24, 2019
हमले के क्राइस्टचर्च लिंक पर उन्होंने कहा कि इनपुट में भी इस तरह की बात कही जा रही है कि ये हमला भी न्यूजीलैंड के हमले से प्रभावित था. पहले भी ऐसे हमले हुए थे, लेकिन इस तरह का नहीं हुआ था. हालांकि, इसमें न्यूजीलैंड की तरफ से किसी सीधा लिंक होने की बात को नकारा गया है.
गौरतलब है कि श्रीलंका का मीडिया भी लगातार इस बात को सामने रख रहा है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच लंबे समय से जारी विवाद ने सुरक्षा चूक को उजागर किया है.
बता दें कि इस्लामिक स्टेट (IS) ने द्वीप राष्ट्र में हुए इन घातक हमलों की जिम्मेदारी ली और हमलों को अंजाम देने वाले आत्मघातियों की पहचान भी की है. IS की ओर से उन आठ आतंकियों की तस्वीर भी जारी की गई है, जिन्होंने इस हमले को अंजाम दिया है.