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श्रीलंका से भागे गोटाबाया को मालदीव नहीं दे रहा था एंट्री, फिर एक फोन कॉल से बनी बात! 'आखिरी मंजिल' के बाद ही इस्तीफा

श्रीलंका से भागे राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) को मालदीव में एंट्री नहीं मिल रही थी. फिर मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति आगे आए. अब मालदीव से गोटाबाया दुबई जा सकते हैं.

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गोटाबाया राजपक्षे मालदीव भागे
गोटाबाया राजपक्षे मालदीव भागे
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गोटाबाया राजपक्षे देर रात मालदीव भागे
  • मिलिट्री प्लेन से कुल 13 लोग मालदीव पहुंचे

Sri Lanka Crisis: भयंकर राजनीतिक-आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे बिना इस्तीफा दिये देश से भाग गये हैं. इससे विद्रोह की आग वहां दोबारा भड़क गई है. अब ऐसा लग रहा है कि राजपक्षे का इस्तीफा देने की खबरें सिर्फ उनके प्लान का हिस्सा था, जिसका इस्तेमाल उन्होंने श्रीलंका से निकलने के लिए किया. गोटाबाया राजपक्षे ने अबतक इस्तीफा क्यों नहीं दिया है, यह भी धीरे-धीरे साफ होता जा रहा है.

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देर रात गोटाबाया राजपक्षे मिलिट्री के विमान में बैठकर अपनी पत्नी समेत परिवार के कुछ सदस्यों को लेकर मालदीव पहुंच गये. सुबह जब श्रींलका के लोग जागे तो पता चला कि राष्ट्रपति अचानक देश छोड़ चुके हैं. प्रदर्शनकारी खुद भी यही चाहते थे. लेकिन यहां चिंता की बात यह थी कि गोटाबाया बिना इस्तीफा दिये भाग गये. ऐसे में नए राष्ट्रपति, नई सरकार को चुनने का सारा प्रोसेस फिलहाल के लिए अटक गया.

राष्ट्रपति पद का इस्तेमाल करके भागे?

गोटाबाया राजपक्षे ने अबतक राष्ट्रपति पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया है यह भी अब धीरे-धीरे साफ होता जा रहा है. दरअसल, गोटाबाया राजपक्षे ने पहले ही जान को खतरे का अंदेशा जताया था. वह श्रीलंका से सुरक्षित निकलना चाहते थे. लेकिन अगर वह राष्ट्रपति पद छोड़ देते तो शायद ऐसा मुमकिन नहीं हो पाता.

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अब जब मिलिट्री प्लेन ने गोटाबाया राजपक्षे को मालदीव तक छोड़ा तो श्रीलंका की एयरफोर्स पर भी सवाल उठे. इसके बाद एयरफोर्स को सफाई देनी पड़ी. एयरफोर्स के टॉप अधिकारी ने बताया कि रक्षा मंत्रालय के ऑर्डर पर राष्ट्रपति के लिए प्लेन दिया गया था. उन्होंने कहा कि मौजूदा राष्ट्रपति को प्लेन संविधान में मौजूद निहित कानूनी प्रावधानों के अनुसार ही दिया गया था. मतलब अगर गोटाबाया राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे चुके होते तो उनको यह सुविधा इतनी आसानी से नहीं मिल पाती.

मालदीव के स्पीकर और पूर्व राष्ट्रपति ने की मदद

73 साल के गोटाबाया राजपक्षे के मालदीव पहुंचने के बाद एक और बड़ी जानकारी सामने आई. पता चला कि गोटाबाया को श्रीलंका से निकालने के लिए मालदीव की संसद के स्पीकर और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद (Mohamed Nasheed) ने मदद की थी.

मालदीव की सरकार की तरफ से भी कहा गया है कि राजपक्षे अभी श्रीलंका के राष्ट्रपति हैं, उन्होंने रिजाइन नहीं दिया है. इसलिए अगर ऐसे में वह मालदीव आना चाहते थे तो उनको मना नहीं किया जा सकता था. कुल मिलाकर 13 लोग गोटाबाया के साथ मालदीव पहुंचे हैं. ये लोग एयरफोर्स के AN32 विमान में वहां आए.

श्रीलंका का मिलिट्री विमान जब मालदीव पहुंचा तो उसे वहां उसे मालदीव के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने उतरने की इजाजत नहीं दी थी. फिर स्पीकर नशीद के कहने पर एयरक्राफ्ट को वहां उतरने दिया गया.

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इसके बाद Maldives National Party के संसदीय ग्रुप ने यह भी बताया कि वह संसद में प्रस्ताव देकर बताएंगे कि सरकार ने किस तरह श्रीलंका के राष्ट्रपति को शरण दी है.

सामान्य प्लेन में नहीं जा पाये थे गोटाबाया

इससे पहले सोमवार को ही शाम को करीब 6:25 पर राष्ट्रपति और उनके परिवार के 15 लोगों ने दुबई जाने की कोशिश की थी. इसके लिए गोटाबाया के कुछ सहयोगी 15 पासपोर्ट लेकर एयरपोर्ट पहुंचे थे. इसमें उनकी पत्नी Ioma Rajapaksa का पासपोर्ट भी था. दुबई की फ्लाइट में सीट भी बुक थी. लेकिन इमीग्रेशन ऑफिसर ने आगे प्रोसेस करने से इनकार कर दिया क्योंकि उस दौरान वहां उनमें से कोई मौजूद नहीं था. फिर फ्लाइट राष्ट्रपति और उनके परिवार को लिये उड़ गई. इसके बाद देश छोड़ने के लिए मिलिट्री प्लेन का सहारा लिया गया.

अब यह सामने आ रहा है कि गोटाबाया अपनी आखिरी मंजिल पर पहुंचने के बाद ही राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देंगे. वह मालदीव से साउथ एशिया के किसी देश में जाएंगे. वहां से अपनी आखिरी मंजिल की तरफ निकलेंगे, जिसके बारे में अबतक कुछ साफ नहीं है.

 

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