Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में आर्थिक-राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है. इस बीच गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर पहले मालदीव और फिर सिंगापुर चले गए. उन्होंने अबतक इस्तीफा नहीं दिया है, जिससे नाराज जनता ने आज संसद भवन और पीएम कार्यालय को घेर लिया है. फिलहाल श्रीलंका में गुरुवार की सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया है.
बुधवार शाम को स्पीकर द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति मानने से इनकार कर दिया है. विपक्षी दलों की मांग है कि रानिल विक्रमसिंघे को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. इसके अलावा प्रदर्शनकारियों पर किसी भी तरह का बलप्रयोग भी नहीं किए जाने की हिदायत दी.
श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए गुरुवार सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया है. कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने देशव्यापारी कर्फ्यू का आदेश दिया है.
राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया है. इस राजपत्र में लिखा हुआ है कि 13 जुलाई 2022 से राष्ट्रपति के कार्यालय की शक्तियों, कर्तव्यों का पालन करने और निर्वहन करने के लिए प्रधान मंत्री रानिल विक्रमसिंघे को नियुक्त किया जाता है. हालांकि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे के आधिकारिक पत्र का अभी तक कोई संकेत नहीं है.
कार्यवाहक राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने को एक ऐसा प्रधानमंत्री नामित करने के लिए कहा है जो सरकार और विपक्ष दोनों को स्वीकार्य हो. हालांकि पार्टी नेताओं ने आज की आपात पार्टी नेताओं की बैठक के बाद राष्ट्रपति के इस्तीफे से पहले रानिल के इस्तीफे की मांग करने का फैसला किया था.
श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों के बवाल के बाद भी राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री की नियुक्ति को लेकर भी कोई प्रति नहीं मिली है. राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे आज रात माले से सिंगापुर जाएंगे.
श्रीलंका में विपक्षी पार्टियां रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति स्वीकार करने से इनकार कर चुकी हैं. इस बीच जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज में कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे का पीछा करने के लिए जनता से कोलंबो आने की अपील की है.
श्रीलंका में एक और सियासी लड़ाई चल रही है. वहीं दूसरी ओर प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री कार्यालय पर कब्जा किए हुए हैं. इसी बीच पीएमओ के अंदर से कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारी अंदर आराम से बैठे हुए हैं, तो कुछ लोग इधर से उधर घूम रहे हैं.
Sri Lanka: Inside visuals from Sri Lanka's Prime Minister's office in Colombo after it was stormed by protestors#SriLankacrisis pic.twitter.com/59XLA3nUQ9
— ANI (@ANI) July 13, 2022
श्रीलंका में प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर आंसू गैस के गोले दागे जाने से घायल हुए प्रदर्शनकारी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. 26 वर्षीय प्रदर्शनकारी की सांस लेने में तकलीफ के बाद उसकी मौत हो गई. श्रीलंका के डेली मिरर के मुताबिक, उसका कोलंबो के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहा था.
A 26-year-old protestor who was hospitalized after being tear-gassed outside the Prime Minister's Office in Flower Road today has died after developing breathing difficulties. The protestor was receiving treatment in a private hospital in Colombo: Sri Lanka's DailyMirror
— ANI (@ANI) July 13, 2022
सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति मानने से इनकार कर दिया. विपक्षी दलों ने स्पीकर से कहा कि वह रानिल विक्रमसिंघे को पद से बर्खास्त करें. कई सांसदों ने कहा कि 19 तारीख का इंतजार करने की बजाय कल ही सत्र बुलाया जाए और राष्ट्रपति के नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए. प्रधानमंत्री ने कहा था कि किसी भी हाल में सरकारी संस्थाओं को प्रदर्शनकारियों से बचाएं. इसके जवाब में विपक्षी दलों ने बैठक में कहा कि वह सुरक्षाबलों को बल प्रयोग करने की अनुमति ना दें. प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों द्वारा शक्ति के आदेशों के खिलाफ विपक्ष ने आवाज उठाई.
स्पीकर द्वारा बुलाई गई बैठक में सर्वदलीय बैठक में नेताओं ने कहा कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे से पहले रानिल विक्रमसिंघे को इस्तीफा देना चाहिए. टीएनए सांसद एमए सुमंथिरन ने बताया कि पार्टी नेताओं की मीटिंग में सभी नेता इसी निर्णय पर पहुंचे हैं.
पूर्व सेना कमांडर और फील्ड मार्शल सरथ फोंसेका ने तीनों सेनाओं से अपील की है कि वे प्रधान मंत्री रानिल विक्रमसिंघे द्वारा जारी निर्देशों को लागू करने से परहेज करें, जो खुद को श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में बता रहे हैं. सांसद फोंसेका ने तीनों सेनाओं से निर्दोष और निहत्थे नागरिकों के खिलाफ अपने हथियारों का इस्तेमाल करने से परहेज करने और इसकी बजाय भ्रष्ट राजनेताओं के खिलाफ इस्तेमाल करने की अपील की.
श्रीलंका में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने प्रदर्शनकारियों से देश में शांति बनाए रखने की अपील की. उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वो देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों का समर्थन करें. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने ये अपील वायु सेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में की.
श्रीलंका में विपक्ष के नेता और SJB गठबंधन के प्रमुख साजिथ प्रेमदासा ने रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त पर तंज कसा है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "एक सीट वाले सांसद को पीएम नियुक्त किया जाता है. अब वही व्यक्ति कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया. यह लोकतंत्र की राजपक्षे शैली है. क्या तमाशा है. क्या त्रासदी है."
A MP with one seat is appointed as PM. Now the same person is appointed as acting President. This is the Rajapaksa style of democracy. What a farce. What a tragedy.
— Sajith Premadasa (@sajithpremadasa) July 13, 2022
कोलंबो के सांसद हर्ष डी सिल्वा चाहते हैं कि स्पीकर की घोषणा 15 जुलाई तक हो जाए. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अगर गोटाबाया राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया है तो स्पीकर को नए राष्ट्रपति की घोषणा के लिए 15 जुलाई तक इंतजार करने की जरूर नहीं है. वह तुरंत नामांकन के लिए नए उम्मीदवारों को बुला सकते हैं और हम रविवार तक नए राष्ट्रपति का चुनाव कर सकते हैं.
श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने सेना और पुलिस अधिकारियों से कहा है कि कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए जो जरूरी है, वह कदम उठाएं. वहीं हालात को देखते हुए संसद के स्पीकर स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने आज शाम को सभी पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है.
ऐसी खबरें सामने आई हैं कि गोटाबाया राजपक्षे जो मंगलवार को मालदीव में उतरे थे, अब आज शाम सिंगापुर के लिए उड़ान भरेंगे. मालदीव के समाचार आउटलेट्स ने बताया है कि पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे सिंगापुर एयरलाइंस की उड़ान SQ 437 से रवाना होंगे, जो बुधवार शाम को रवाना होने वाली है. यह भी बताया गया है कि वर्तमान में गोटाबाया राजपक्षे मालदीव के वाल्डोर्फ एस्टोरिया इथाफुशी के एक रिसॉर्ट में रह रहे हैं.
श्रीलंका की संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने उन्हें टेलीफोन पर बताया है कि वह वादे के अनुसार आज इस्तीफा दे देंगे. गोटाबाया राजपक्षे सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद इस्तीफा देने से पहले मालदीव भाग गए. वहीं श्रीलंका की मीडिया के मुताबिक, राष्ट्रपति गोटाबाया ने सिंगापुर में शरण मांगी है.
कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने अपने स्पेशल बयान में कहा है कि कानून-व्यवस्था बहाल करने और स्थिति को सामान्य करने के लिए तीनों सेनाओं के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, आईजीपी और कमांडरों की एक समिति नियुक्त की गई है.
श्रीलंका में PM आवास के बाद PM दफ्तर पर भी प्रदर्शनकारियों का कब्जा हो गया है. PM दफ्तर की बालकनी में चढ़कर प्रदर्शनकारियों ने श्रीलंका का झंडा फहराया. उन्होंने आज संसद भवन पर भी हमला बोला था.
श्रीलंका में हालात कितने खराब हैं इसका अंदाजा इससे लगाइये कि सरकारी न्यूज चैनल तक में प्रदर्शकारी घुस गये. इतना ही नहीं एक प्रदर्शनकारी वहां न्यूज एंकर बनकर बैठ गया और बोलने लगा. फिलहाल इस सरकारी न्यूज चैनल का प्रसारण रोक दिया गया है.
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श्रीलंका में आज फिर से प्रदर्शन उग्र होने के बीच सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. स्पीकर अभयवर्धने ने बताया कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने पीएम रानिल विक्रमसिंघे को कार्यकारी राष्ट्रपति बनाने का ऐलान किया है.
श्रीलंका में प्रदर्शनकारी सुरक्षा घेरा तोड़कर पीएम हाउस में घुस गये हैं. ये लोग पीएम रानिल विक्रमसिंघे का भी इस्तीफा मांग रहे हैं. रानिल विक्रमसिंघे का निजी आवास प्रदर्शनकारियों ने पहले ही फूंक दिया था.
गोटाबाया राजपक्षे के भागने के बाद श्रीलंका की जनता भड़की हुई है. प्रदर्शनकारियों ने संसद और पीएम हाउस पर धावा बोल दिया है. उनपर लाठी चार्ज किया जा रहा है. इस बीच पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंका में आपातकाल की घोषणा कर दी है. आदेश दिया गया है कि दंगा कर रहे लोगों को गिरफ्तार कर लिया जाए और उनके वाहनों को जब्त कर लिया जाए.
#WATCH Military personnel use tear gas shells to disperse protestors who scaled the wall to enter Sri Lankan PM's residence in Colombo pic.twitter.com/SdZWWRMwTn
— ANI (@ANI) July 13, 2022
श्रीलंका में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी पीएम रानिल विक्रमसिंघे के आवास पर पहुंच गये हैं. वहां भारी सुरक्षा बल भी तैनात है. इस बीच सुरक्षाबलों ने लाठीचार्ज भी किया है और आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं, साथ ही श्रीलंका के पश्चिमी प्रांत में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
#WATCH | Sri Lanka: Protests erupt outside PM's residence amid heavy security deployment in Colombo as protestors raise slogans#SriLankaCrisis pic.twitter.com/5rRPjXW0qU
— ANI (@ANI) July 13, 2022
उग्र भीड़ इस बात से नाराज हैं कि गोटबाया बिना इस्तीफा दिये देश छोड़कर कैसे चले गए. इसके अलावा ये लोग पीएम रानिल विक्रमसिंघे को कार्यकारी राष्ट्रपति के तौर पर नहीं देखना चाहते. दरअसल, श्रीलंका में कानून के हिसाब से राष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद पीएम को कार्यकारी राष्ट्रपति बनाया जाता है. लेकिन जनता इस वक्त ऐसा नहीं चाहती.
#WATCH | Sri Lanka: Amid the deepening of the crisis in the country, protestors head towards the Sri Lankan PM's office as protest flares again on the roads of Colombo pic.twitter.com/x1MLbub2Ls
— ANI (@ANI) July 13, 2022
खबरें यह भी हैं कि स्पीकर अभयवर्धने को ही राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है. इसपर भी जनता की नाराजगी है.
श्रीलंका में अब सर्वदलीय सरकार बननी है. इस बीच विपक्षी पार्टियां चाहती हैं कि अगर स्पीकर को राष्ट्रपति बनाया जाता है तो नेता विपक्ष सजिद प्रेमदासा को पीएम बनाया जाए.
राष्ट्रपति के देश छोड़ते ही कोलंबो में हंगामा हो गया है. भारी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर गये हैं. प्रदर्शन एरिया को छोड़कर तमाम प्रदर्शनकारी मार्च कर रहे हैं. प्रदर्शन स्थल छोड़कर हजारों प्रदर्शनकारी संसद की ओर जा रहे हैं. बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी पीएम हाउस की तरफ भी बढ़ रहे हैं.
गोटबाया अपनी आखिरी मंजिल पर पहुंचने के बाद ही राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देंगे. वह मालदीव से साउथ एशिया के किसी देश में जाएंगे. वहां से अपनी आखिरी मंजिल की तरफ निकलेंगे, जिसके बारे में अबतक कुछ साफ नहीं है.
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श्रीलंका के कानून के मुताबिक, अगर कोई राष्ट्रपति अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले कुर्सी छोड़ता है तो संसद के किसी सदस्य को उस पद पर बैठाया जाता है. यह काम राष्ट्रपति के इस्तीफे के एक महीने के अंदर करना होता है.
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राष्ट्रपति के रिजाइन देने के बाद तीन दिनों के अंदर संसद सत्र बुलाना होता है. फिर एक दिन तय होता है जब राष्ट्रपति पद के नॉमिनेशन होगा. अगर एक से ज्यादा लोग राष्ट्रपति बनने के इच्छुक हैं तो सीक्रेट बैलेट से वोटिंग कराई जाती है.
नए राष्ट्रपति चुने जाने तक एक्टिंग प्रेसिडेंट कामकाज देखते हैं. एक्टिंग प्रेसिडेंट हमेशा प्रधानमंत्री को बनाया जाता है. अब राजपक्षे के जाने के बाद रानिल विक्रमासिंघे एक्टिंग प्रेसिडेंट होंगे.
गोटाबाया राजपक्षे अब मालदीव से दुबई जा सकते हैं. फिलहाल राजपक्षे परिवार के साथ मालदीव के रिसॉर्ट में रुके हुए हैं. कुछ दिनों बाद वह दुबई जा सकते हैं.
पहले खबरें आई थीं कि गोटाबाया राजपक्षे ने मंगलवार को इस्तीफे पर साइन कर दिये थे और उसपर 13 जुलाई की डेट थी. इसकी घोषणा स्पीकर आज करने वाले थे. लेकिन अब खबर है कि स्पीकर को अबतक गोटाबाया का इस्तीफा मिला नहीं है.
श्रीलंका में जनता के विरोध का बड़ा असर हुआ है. राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग गये हैं. राजपक्षे के मालदीव जाने की खबर है. अब 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति की नियुक्ति की तैयारी शुरू हो चुकी हैं.