scorecardresearch
 

श्रीलंका में कार खरीदने के लिए क्यों मची मारामारी? पुरानी-सस्ती गाड़ी के लिए भी करोड़ों देने को तैयार लोग!

श्रीलंका में इस्तेमाल की गई गाड़ियों का बाजार इन दिनों उफान पर है. देश में नए कारों के आयात पर प्रतिबंध है इस कारण लोग पुरानी इस्तेमाल की गई कारों को खरीदने पर मजबूर हैं. हालांकि इन कारों की भी कीमत इतनी अधिक है कि आम लोग खरीद नहीं पा रहे हैं.

Advertisement
X
श्रीलंका में नई कारों के आयात पर प्रतिबंध है (Photo- Reuters)
श्रीलंका में नई कारों के आयात पर प्रतिबंध है (Photo- Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • श्रीलंका की आर्थिक हालत खस्ता
  • लेकिन फल-फूल रहा पुरानी कारों का बाजार
  • उच्चतम कीमतों पर कार खरीद रहे लोग

दिवालिया होने के कगार पर खड़ा श्रीलंका सभी जरूरी सामानों की कमी से जूझ रहा है. सुपरमार्केट खाली हो चुके हैं और रेस्तरां खाद्य वस्तुओं की कमी के कारण बंद पड़े हैं लेकिन श्रीलंका में इस्तेमाल की गई कारों का बाजार फल-फूल रहा है. सरकार ने भोजन, दवा और ईंधन खरीदने के लिए आवश्यक डॉलर बचाने के लिए गैर-आवश्यक आयात पर रोक लगा दी है. इससे श्रीलंका में गाड़ियों की कमी हो गई है और कीमतें आसमान छू रहीं हैं. ऐसे में इस्तेमाल की गई कारों की मांग बढ़ गई है.

Advertisement

22 करोड़ आबादी वाला ये द्वीप देश दिवालिया होने को है और महंगाई आसमान छू रही है. सरकार ने कारों के आयात पर दो साल का प्रतिबंध लगाया है जिस कारण देश में नई कारें नहीं आ रहीं. इस कारण कार खरीददारों को पुरानी सेडान और कॉम्पैक्ट कारों से काम चलाना पड़ रहा है. खरीददार इन पुरानी कारों के लिए भी ऊंची कीमत देने को मजबूर हैं.

एंथनी फर्नांडो कोलंबो के बाहरी इलाके में अपनी बेटी के लिए एक हफ्ते से एक किफायती कार ढूंढने की कोशिश में हैं. उनकी बेटी एक साल से कार खरीदने की कोशिश कर रही हैं लेकिन अधिक कीमत के कारण ये संभव नहीं हो पा रहा.

63 वर्षीय फर्नांडो ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, 'मेरी बेटी सोच रही थी कि कीमतें कम हो जाएंगी. कार खरीदने में उसने देरी की और उसी की सजा अब भुगत रही है.' फर्नांडो का कहना है कि कार की कीमतें आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गई हैं.

Advertisement

एक पांच साल पुरानी टोयोटा लैंड क्रूजर 6 करोड़ 25 लाख रुपये में ऑनलाइन बेची जा रही है. जब कार आयात पर प्रतिबंध नहीं था जब के कीमत से तिगुने कीमत पर अब ये मिल रही है. इतने पैसों में एक व्यक्ति कोलंबो में आसानी से आलीशान घर खरीद सकता है. 

राजधानी कोलंबो के सबसे बड़े डीलरशिप में से एक के मालिक सरथ यापा बंदरा मुस्कुराते हुए बताते हैं, 'एक कार और एक घर सफलता का प्रतीक है. इसीलिए ज्यादातर लोग इन ऊंची कीमतों पर भी कार की खरीदारी करने को तैयार हैं.'

कोलंबो की भीड़भाड़ वाली सड़क के लिए लोगों के पास अपनी गाड़ी होना एक जरूरत है. श्रीलंका की पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस पूरी तरह जर्जर हो चुकी है, ऐसे में लोगों के लिए अपनी कार का होना और जरूरी हो गया है.

टैक्सियों की संख्या में भी तेजी से गिरावट आई है. ड्राइवर अपनी कैब बेचकर महंगाई में किसी तरह अपने परिवार को पाल रहे हैं और जो अभी भी काम कर रहे हैं, वो दोगुना किराया ले रहे हैं.

एक डीलरशिप पर खड़े एक अन्य खरीदार उदय हेगोडा अराची ने एएफपी से कहा, 'आपके पास अपनी कार होनी चाहिए. देश में आर्थिक स्थिति को देखते हुए हम कीमतों में जल्द ही कमी आने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं.'

Advertisement

कोविड महामारी के कारण श्रीलंका बेहद बुरी स्थिति में पहुंच गया है. उसका पर्यटन उद्योग नष्ट हो गया है और विदेशी मुद्रा समाप्त होने को है. मार्च 2020 में सरकार ने खत्म होते विदेशी मुद्रा भंडार को बचाने के लिए नई कारों सहित कई सेक्टर्स में आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन सरकार की ये नीति कारगर साबित नहीं हुई और देश सभी जरूरी वस्तुओं की कमी का सामना कर रहा है.

खाद्य खुदरा विक्रेताओं का चावल सरकार की तरफ से कम दरों में लोगों को दिए जाने वाले राशन के रूप में इस्तेमाल हो रहा है. देश के रेस्तरां बंद हो गए हैं क्योंकि उन्हें रसोई गैस नहीं मिल रही है. फर्नेस ऑयल और डीजल खरीदने के लिए डॉलर नहीं है जिस कारण इनकी भारी कमी हो गई है. कई बिजली संयंत्र  इसी वजह से बंद किए जा रहे हैं. किसानों की फसल के लिए जरूरी खाद नहीं मिल पा रहा है.

श्रीलंका ने चीन से भारी मात्रा में कर्ज लिया है. रेटिंग एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि श्रीलंका जल्द ही डिफॉल्टर साबित हो सकता है. हालांकि सरकार का कहना है कि वो अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करेगी. वो चीन के साथ अपने चीनी कर्जों पर फिर से बातचीत करने की कोशिश कर रही है.

Advertisement

आयात प्रतिबंध ने कार के पुर्जों की आपूर्ति भी कम कर दी है, जिसका अर्थ है कि कार अगर खराब हो जाए तो ड्राइवर बुरी तरह फंस सकते हैं. क्योंकि खराब हुई कार के कल-पुर्जे उपलब्ध नहीं हैं.

रवि एकनायके कोलंबो में गैरेज चलाते हैं. उन्होंने एएफपी को बताया कि गैरेज में इन दिनों खराब गाड़ियों को दोबारा ठीक कराने वालों की भीड़ है क्योंकि लोग नया कार अफोर्ड नहीं कर पा रहे हैं. लेकिन कार के कल-पुर्जे मिल नहीं रहे हैं जिससे परेशानी और बड़ी होती जा रही है.

वित्तीय विश्लेषक मुर्तजा जाफरजी का कहना है कि कीमतें बढ़ने का कारण श्रीलंका के केंद्रीय बैंक द्वारा अधिक पैसों की छपाई भी है. लोगों के पास पैसा तो है लेकिन देश में सामानों की कमी है जिनकी कीमत आसमान छू रही है.

जेबी सिक्योरिटीज के सीईओ ने बताया, 'जब कारें समाज के एक वर्ग को नहीं मिलेंगी तो उनकी गतिविधियां सीमित हो जाएंगी. तब हम आर्थिक उत्पादन का नुकसान भी देखेंगे. श्रीलंका ढहने वाला है लेकिन बहुत से लोग अभी भी समस्या की गहराई को समझ नहीं पाए हैं.' 

Advertisement
Advertisement