श्रीलंका में 1970 के दशक के बाद की सबसे जबरदस्त बारिश के चलते आई भारी बाढ़ और भूस्खलन से 90 से ज्यादा लोगों की मौतें हुई हैं, जबकि 110 लोग लापता हो गए हैं. सात जिलों में 20 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं क्योंकि दक्षिण पश्चिम मानसून ने तबाही मचा दी है, सैकड़ों मकान नष्ट हो गए हैं और कई सड़कें टूट गई हैं. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका में आई इस आपदा पर शोक जताते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.
PM मोदी ने दिया मदद का भरोसा
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'भारत श्रीलंका में बाढ़ और भूस्खलन से हुए जान-माल की हानि पर शोक प्रकट करता है. हम श्रीलंकाई भाइयों और बहनों के साथ हैं. हमारे जहाज राहत सामग्रियों के भेजे जा रहे हैं. राहत सामग्रियों का पहला जहाज शनिवार और दूसरा रविवार को कोलंबो पहुंचेगा.'
India condoles the loss of lives and property in Sri Lanka due to flooding and landslides.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 26, 2017
श्रीलंका में राहत पहुंचाने उतरी भारतीय नौसेना
श्रीलंका में तुरंत राहत पहुंचाने के लिए बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से में तैनात आईएनएस किर्च को कोलंबो की ओर रवाना कर दिया गया है. इसके अलावा कपड़े, दवाई और पानी जैसी जरूरी चीजों के साथ आईएनएस जलाश्व भी विशाखापत्तनम से रवाना होगा. इन जहाजों में राहत सामग्री के साथ मेडिकल टीमें और हेलिकॉप्टर भी कोलंबो भेजे जा रहे हैं.
खबरों के मुताबिक गाले सबसे बुरी तरह प्रभावित जिला है, जहां 7,157 लोग इससे प्रभावित हुए हैं. आपदा प्रबंधन केंद्र (डीएमसी) के उप मंत्री दुनेश गनकानदा ने कहा, 'हमने 1970 के दशक के बाद से सबसे जबरदस्त बारिश देखी है.' गनकानदा ने कहा, 'हम कुछ इलाकों में राहत कार्य कर रहे हैं, जबकि हम प्रभावित इलाकों में कुछ मकानों तक नहीं पहुंच सकते.
डीएमसी ने कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ कर 91 हो गई है और अन्य 110 लापता हैं. गनकानदा ने बताया कि सरकार ने राहत के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठनों को सतर्क कर दिया है. उप मंत्री करुणारत्ने परनाविताना ने कहा कि विदेश मंत्रालय हालात की निगरानी कर रहा है और जरूरत के मुताबिक सहायता मांगेगा.
श्रीलंकाई वायु सेना और नौसेना बाढ़ में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टरों और नौकाओं के जरिए राहत मुहैया करने के लिए काम कर रही है. राहत अधिकारियों ने कहा कि मानसून की उम्मीद तो थी लेकिन जितनी बारिश दर्ज की गई उसकी उम्मीद नहीं थी. कुछ इलाकों में 600 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई, वहीं बुरी तरह से प्रभावित अन्य इलाकों में 300 से 500 मिमी बारिश दर्ज की गई.
मौसम विभाग प्रमुख आरएस जयशेखर ने बताया कि मानसून का चरम पार हो गया, लेकिन अगले कुछ दिनों में और अधिक बारिश होने की उम्मीद है. यह 30 मई को फिर से तेज होने की उम्मीद है. अधिकारियों ने बताया कि कलुतारा में भूस्खलन से और रत्नापुरा जिले में बाढ़ से ज्यादातर लोग मारे गए हैं. उन्होंने बताया कि प्रतिकूल मौसम ने सात जिलों को बुरी तरह से प्रभावित किया है.
आपदा प्रबंधन केंद्र के मुताबिक श्रीलंका के कई हिस्सों में कल से हो रही मुसलाधार बारिश की वजह से पश्चिमी और दक्षिणी प्रांत के सबारागामुवा में 2,811 परिवारों के कुल 7,856 लोग प्रभावित हुए. केंद्र ने लोगों से बढ़ते जलस्तर को लेकर सतर्क रहने को कहा है और अस्थिर ढलान वाली जगहों को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाने को कहा है. नकदी फसलों के लिए श्रीलंका में वनों की बड़े पैमाने पर कटाई हुई है. इसलिए, देश में मानसून के दौरान अक्सर भूस्खलन होता है. पिछले साल देश में एक भीषण भूस्खलन में 100 से अधिक लोग मारे गए थे.