श्रीलंका में मस्जिदों पर ताजा हमले के बाद हालात बिगड़ गए हैं. पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है. सेना को दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए हैं. इस बीच एक अल्पसंख्यक की गला रेत कर हत्या कर दी गई है. ये मामला पुत्तलम जिले का है. हालात बिगड़ता देख प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने देश को संबोधित किया है और कहा है कि हालात काबू में करने के लिए सुरक्षा बलों और पुलिस को सारी शक्तियां दी गई है. आर्मी चीफ महेश सेनानायक ने कहा है कि सैनिकों को कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों से कड़ाई से निपटने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई निषेधाज्ञा का उल्लंघन करता है तो सेना उसे देखते ही गोली मार देगी.
45 साल के शख्स की हत्या
रिपोर्ट के मुताबिक पुत्तलम जिले में दंगाइयों ने 45 साल के दुकान पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया. इस घायल शख्स को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई. इस इलाके में दंगाइयों ने मस्जिदें जला दी और मुसलमानों के घरों पर हमला किया. पुलिस ने बताया कि ये लोग डंडों से लैस थे और हथियार लिए हुए थे.
फेसबुक पोस्ट से बढ़ी हिंसा
डेली मेल के मुताबिक श्रीलंका में हिंसा एक फेसबुक पोस्ट के बाद शुरू हुई. इस फेसबुक पोस्ट में एक मुस्लिम दुकानदार ने लिखा था, "ज्यादा हंसो मत, एक दिन तुम रोओगे." इस फेसबुक पोस्ट के जारी होने के बाद श्रीलंका उत्तर पश्चिम चिलाव में तनाव फैल गया. ईसाई समुदाय के कुछ लोगों ने मुस्लिम समुदाय के दुकानों, घरों और मस्जिदों पर हमला कर दिया. हालात बिगड़ता देख प्रशासन ने तुरंत सोशल मीडिया पर बैन लगा दिया.
श्रीलंका में आगजनी की तस्वीर
पीएम ने देश को किया संबोधित
हालात बिगड़ता देख प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने आनन-फानन में देश को संबोधित किया. विक्रमसिंघे ने कहा कि सुरक्षाबलों और पुलिस की शक्तियों में इजाफा कर दिया गया है. विक्रमसिंघ ने कहा, "उत्तर पश्चिम प्रांत में कुछ संगठन अशांति फैला रहे हैं, उन्होंने तोड़-फोड़ की है. सुरक्षा बलों ने हालात काबू में किया है, ये संगठन देश भर में अशांति फैला रहे हैं इसलिए देश भर में कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया गया है."
आंखे खोलो, राजनीतिक प्रोपगैंडा के शिकार मत बनो
इस बीच श्रीलंका के क्रिकेटर कुमार संगकारा ने एक ट्वीट कर देश को लोगों से हिंसा छोड़ने की अपील की है. संगकारा ने एक भावुक अपील में कहा है कि देश के लोगों को अपनी आंखें खोलना चाहिए और सोचना चाहिए कि वे विभाजनकारी राजनीतिक एजेंडे के शिकार हो रहे हैं.
STOP. BREATHE. THINK. OPEN YOUR EYES. If we lose ourselves in violence, racism, thuggery and hatred we lose our country. Unite as Sri Lankans, be peaceful, keep each other safe. Do not give into shameful, divisive political agendas. WE HEAL AND RISE TOGETHER AS ONE NATION
— Kumar Sangakkara (@KumarSanga2) May 14, 2019
NTJ के सदस्यों का हो पुनर्वास
इस बीच श्रीलंका के मुस्लिम सांसद कादर मस्तान ने नेशनल तवाहीद जमात के सदस्यों को तुरंत सरेंडर करना चाहिए और उनका पुनर्वास किया जाना चाहिए. उन्होंने तर्क दिया कि श्रीलंका की सरकार ने लिट्टे के सदस्यों का भी पुनर्वास किया था और यही नीति उसे नेशनल तवाहीद जमात के सदस्यों के साथ भी अपनानी चाहिए. बता दें कि देश में 21 अप्रैल को तीन गिरजाघरों और तीन लक्जरी होटलों में हुए आत्मघाती हमलों में 253 लोगों की मौत हो गई थी और 500 से अधिक लोग घायल हो गए थे. इन हमलों के बाद से देश में हिंसा की घटनाएं बढी हैं.