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श्रीलंका: राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की कैबिनेट शुक्रवार को लेगी शपथ, दिनेश गुनेवरदेना बनेंगे प्रधानमंत्री?

73 साल के रानिल विक्रमसिंघे ने गुरुवार को श्रीलंका के आठवें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली. श्रीलंका इन दिनों अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. रानिल विक्रमसिंघे के पक्ष में 134 वोट पड़े. अब श्रीलंका के लिए नई सरकार का गठन होना है. शुक्रवार को कैबिनेट का शपथग्रहण होगा.

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रानिल विक्रमसिंघे (फाइल फोटो)
रानिल विक्रमसिंघे (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राजपक्षे परिवार के करीबी हैं गुनेवरदेना
  • श्रीलंका में छाया है भीषण आर्थिक संकट

श्रीलंका के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की कैबिनेट शुक्रवार को शपथ ग्रहण करेगी. नई कैबिनेट में पिछली सरकार के भी कई सदस्य शामिल हो सकते हैं. इनमें दिनेश गुनेवरदेना का नाम भी शामिल है, जो राजपक्षे परिवार के करीबी माने जाते हैं. उम्मीद की जा रही है वो श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री बन सकते हैं.

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देश में संसद के आहूत होने तक पिछली कैबिनेट काम करती रहेगी. इसके बाद जब एक राष्ट्रीय सरकार पर सहमति बन जाएगी, तब कैबिनेट में फेरबदल किया जाएगा.

73 साल के रानिल विक्रमसिंघे ने गुरुवार को श्रीलंका के आठवें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली. श्रीलंका इन दिनों अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. ऐसे में संसदीय मतदान में विजयी रहने के बाद रानिल विक्रमसिंघे ने देश में एक से अधिक दल की सरकार बनाने का आह्वान किया है.

दिनेश गुनेवरदेना होंगे प्रधानमंत्री?
पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि श्रीलंकाई संसद में सदन के नेता 73 साल के दिनेश गुनेवरदेना को प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है. श्रीलंका के आर्थिक संकट के बीच देश छोड़कर भाग गए पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने अप्रैल में ही गुनेवरदेना को होम मिनिस्टर बनाया था. गुनेवरदेना श्रीलंका की राजनीति के पुराने मजबूत स्तंभों में से एक हैं. वह देश के विदेश मंत्री और शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं.

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अधिकारियों ने जानकारी दी कि राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की कोशिश एक सर्वदलीय सरकार बनाने की होगी. राष्ट्रपति बनने से पहले रानिल विक्रमसिंघे छह बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. श्रीलंका के सांसदों ने राष्ट्रपति पद के लिए उनका चुनाव इसलिए किया है, ताकि आर्थिक संकट से देश को उबारने के लिए आईएमएफ के साथ चल रही बेलआउट पैकेज डील की बातचीत में निरंतरता बनी रहे और इसमें किसी तरह का रोड़ा ना अटके.

रानिल इतने मतों से बने राष्ट्रपति
श्रीलंका की 225 सदस्यों वाली संसद में रानिल विक्रमसिंघे के पक्ष में 134 वोट पड़े. वहीं उनके विरोधी दुल्लास अलहप्परुमा को 82, वामपंथी नेता अनुरा कुमार दिसनायके को मात्र 3 वोट मिले.

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