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Sri Lanka crisis: श्रीलंका में हाहाकार! हवाई फायरिंग... दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश

18 साल पहले भी श्रीलंका की टॉप पॉलिटिक्स कुर्सी संभालने वाले महिंदा राजपक्षे 2004 में श्रीलंका के 13वें पीएम बने थे. उस समय भी श्रीलंका के सामने सुनामी से हुई तबाही का संकट था. उस समय 40 हजार से अधिक मौतें हुई थीं. श्रीलंका में तबाही के हालात थे तब अगले साल श्रीलंका की जनता ने महिंदा को चुना था.

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श्रीलंका में सोमवार को हिंसक हो गया था प्रदर्शन (एपी)
श्रीलंका में सोमवार को हिंसक हो गया था प्रदर्शन (एपी)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोलंबो में हिंसा के दौरान सांसद समेत 5 की मौत
  • पूर्व पीएम महिंदा राजपक्षे का पैतृक घर फूंका गया

श्रीलंका में लागू कर्फ्यू को 12 मई की सुबह सात बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया है. वहीं सड़कों पर जारी हिंसक प्रदर्शन को दबाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को शूट ऑन साइट (देखते ही गोली मार देना) का आदेश जारी कर दिया है. सोमवार हो हुई हिंसा में सांसद समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी.

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मालूम हो कि श्रीलंका में महिंदा राजपक्षे ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला करने और हिंसा फैलाने के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे के बाद उनके समर्थकों ने हिंसा फैलानी शुरू कर दी है.

'श्रीलंका से भागकर कोई व्यक्ति भारत नहीं आया'

वहीं भारतीय उच्चायोग ने श्रीलंका के कुछ राजनीतिक व्यक्ति और उनके परिवार के भारत में आने की खबरों का खंडन किया है. उच्चायोग ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं ऐसी सभी खबरों को गलत करार दिया है. मालूम हो कि इंटरनेट पर वायरल हो रहा है कि महिंदा राजपक्षे पद से इस्तीफा देने के बाद अपने परिवार के साथ देश छोड़कर भाग गए हैं.

लोगों से न लें बदला, हिंसा रोक दें: राष्ट्रपति

वहीं राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने ट्विटर पर प्रदर्शनकारियों से अपील कि वे चाहे जिस भी पार्टी हों लेकिन वे शांत रहें और हिंसा रोक दें. नागरिकों के खिलाफ बदले की कार्रवाई न करें. उन्होंने कहा कि संवैधानिक जनादेश और आम सहमति के जरिए राजनीतिक स्थिरता बहाल करने और आर्थिक संकट को दूर करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे.

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बेटे का दावा- देश से नहीं भागेंगे पिता महिंदा राजपक्षे

महिंदा राजपक्षे के बेटे नमल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ऐसी कई अफवाहें हैं कि उनके पिता महिंदा राजपक्षे देश छोड़कर नहीं भागने वाले हैं. उन्होंने हम ऐसा नहीं करेंगे. खेल मंत्री रहे नमल ने कहा, "मेरे पिता सुरक्षित हैं, वह सुरक्षित स्थान पर हैं और परिवार से बात कर रहे हैं."

अफसरों ने की हवाई फायरिंग, भीड़ ने पीट डाला

श्रीलंका में कर्फ्यू लागू होने के बाद भी हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. भीड़ ने मंगलवार को कोलंबो में प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास के पास एक शीर्ष श्रीलंकाई पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट की और उनके वाहन में आग लगा दी. वरिष्ठ उप महानिरीक्षक देशबंधु तेनाकून कोलंबो में सर्वोच्च पद के अधिकारी हैं, उन्हें तुरंत इलाज की जरूरत है, उन्हें घर भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए अधिकारी ने हवाई फायरिंग की थी.

श्रीलंका में इसलिए बिगड़ते गए आर्थिक हालात

फर्टिलाइजर्स पर बैन: सरकार ने केमिकल फर्टिलाइजर्स को पूरी तरह से बैन करने और 100 फीसदी ऑर्गेनिक खेती का निर्णय लागू कर दिया. इस बदलाव ने श्रीलंका के एग्री सेक्टर को तबाह कर दिया. सरकार के इस फैसले के चलते श्रीलंका का एग्री प्रोडक्शन आधा रह गया. अब अनाज की जमाखोरी समस्या को और विकराल बना रही है.

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टूरिज्म सेक्टर बिगड़ गया: श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में एग्री के बाद टूरिज्म सबसे अहम सेक्टर है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार टूरिज्म श्रीलंका की जीडीपी में 10 फीसदी का योगदान देता है. कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद करीब 2 साल से यह सेक्टर तबाह है.

बढ़ गया विदेशी कर्ज: श्रीलंका के ऊपर अकेले चीन का ही 5 बिलियन डॉलर से ज्यादा का कर्ज है. इसके अलावा श्रीलंका के ऊपर भारत और जापान जैसे देशों के अलावा आईएमएफ जैसे संस्थानों का भी लोन उधार है. फिलहाल यह कर्ज बढ़कर 40 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है.

गिरता गया विदेशी मुद्रा भंडार: तीन साल पहले श्रीलंका के पास 7.5 बिलियन डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था, जब वहां नई सरकार का गठन हुआ था. इसमें तेजी से गिरावट आई और पिछले साल नवंबर तक यह गिरकर 1.58 बिलियन डॉलर के स्तर पर आ चुका था. श्रीलंका के पास विदेशी कर्ज की किस्तें चुकाने लायक भी फॉरेक्स रिजर्व नहीं बचा है.

आयात पर ज्यादा निर्भरता: श्रीलंका की समस्या को गंभीर बनाने में आयात पर बहुत ज्यादा निर्भर होना भी अहम फैक्टर है. चीनी, दाल, अनाज और दवा जैसी चीजों के लिए भी वो आयात पर निर्भर रहा है.

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