श्रीलंका में गहराते आर्थिक संकट के बीच स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में यह कहकर सबको चौंका दिया था कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे देश से बाहर हैं. वह अभी पास के एक देश में हैं. वह बुधवार तक देश लौट आएंगे. हालांकि इंटरव्यू के एक दिन बाद सोमवार को वह अपने बयान से पलट गए. स्पीकर ने एएनआई से फोन पर बात करते हुए कहा, ''मैंने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में यह बात गलती से कह दी कि राष्ट्रपति ने देश छोड़ दिया है. वह अभी भी श्रीलंका में ही हैं".
20 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए होंगे चुनाव
श्रीलंका में नए राष्ट्रपति के चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया गया है. श्रीलंकाई मीडिया ने स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने के हवाले से बताया कि राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई तक नामांकन किए जा सकेंगे. इसके बाद 20 जुलाई को इस पद के लिए वोटिंग होगी. जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति 13 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
राष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद आगे क्या?
श्रीलंका के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद प्रधानमंत्री अपने आप कार्यकारी राष्ट्रपति बन जाते हैं. प्रधानमंत्री तब तक कार्यकारी राष्ट्रपति बने रहते हैं, जब तक नया राष्ट्रपति नहीं चुन लिया जाता, लेकिन प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी इस्तीफा देने की बात कही है.
ऐसे में संविधान कहता है कि अगर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों इस्तीफा दे देते हैं तो 30 दिन तक स्पीकर कार्यकारी राष्ट्रपति बन जाते हैं. श्रीलंका के मौजूदा सियासी संकट में स्पीकर अब कार्यकारी राष्ट्रपति बन जाएंगे.
'राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री ने देश को तबाह कर दिया'
विपक्ष के नेता सांसद साजिथ प्रेमदासा ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे पर जमकर हमला बोला. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि राष्ट्रपति, पीएम और मौजूदा सरकार ने अपनी वैधता खो दी. पिछले ढाई साल में उन्होंने हमारे देश को तबाह कर दिया है. हम नए राष्ट्रपति और नए पीएम के साथ नई सरकार बनाएंगे.
उन्होंने कहा कि अगर कोई इस प्रक्रिया का विरोध करता है तो वह आगे होने वाली अराजकता के लिए जिम्मेदार होगा.
चेतावनी: विरोध में शामिल न हों चीन के नागरिक
चीन ने अपने लोगों को साफ तौर पर चेतावनी देते हुए कहा है कि वे किसी भी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा न लें. कोलंबो में चीनी दूतावास ने एक नोटिस जारी किया, जिसमें श्रीलंका में चीनी नागरिकों को स्थानीय कानूनों और नियमों का पालन करने के लिए कहा गया.
स्थानीय मीडिया के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटिस में चीनी नागरिकों से किसी भी विरोध प्रदर्शन में भाग नहीं लेने की चेतावनी दी गई है.