श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने देश में राजनीतिक संकट खत्म करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है. यह बैठक रविवार शाम श्रीलंका की राजधानी कोलंबो स्थित राष्ट्रपति सचिवालय में बुलाई गई है.
श्रीलंकाई राष्ट्रपति के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि आज रविवार शाम को राष्ट्रपति सिरिसेना सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक की अध्यक्षता करेंगे. राष्ट्रपति ने मौजूदा राजनीतिक गतिरोध को खत्म करने और संसद की कार्यवाही बाधित होने से रोकने के लिए यह बैठक बुलाई है. यह जानकारी एक श्रीलंकाई मीडिया को दी.
आपको बता दें कि हाल ही में श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त करके महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया था. इसके बाद जब राष्ट्रपति सिरिसेना को लगा कि संसद में राजपक्षे अपना बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे, तो उन्होंने संसद को भंग कर दिया. इसके बाद राष्ट्रपति के फैसले को कई राजनीतिक पार्टियों और चुनाव आयोग के सदस्य प्रोफेसर रत्नाजीवन हूले ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
इस मामले में सुनवाई करते हुए श्रीलंकाई सुप्रीम कोर्ट ने संसद भंग करने के राष्ट्रपति सिरिसेना के फैसले को पलट दिया था. इसके बाद श्रीलंकाई संसद के अध्यक्ष कारू जयसूर्या ने 14 नवंबर को सदन की बैठक बुलाई और महिंदा राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास किया गया. 225 सदस्यीय संसद में महिंदा राजपक्षे के खिलाफ बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव पास होने से उनके समर्थक भड़क गए और हंगामा करने लगे.
महिंदा राजपक्षे समर्थिक सांसदों के विरोध को देखते हुए संसद की कार्यवाही को 16 नवंबर तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. इसके बाद 16 नवंबर को संसद की बैठक फिर से बुलाई गई. इस बैठक में भी महिंदा समर्थक सांसदों ने हंगामा किया और पुलिस कर्मियों पर मिर्च व किताबें फेंकी गईं. भारी हंगामे के बीच अध्यक्ष कारू जयसूर्या ने सोमवार तक के लिए बैठक स्थगित कर दी.
सोमवार को होने वाली संसद की बैठक से पहले राष्ट्रपति सिरिसेना ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस बैठक का मकसद श्रीलंका में पैदा हुए सियासी संकट को खत्म करना है. हालांकि आज होने वाली बैठक के बाद ही साफ हो पाएगा कि देश में जारी राजनीतिक गतिरोध खत्म होगा या नहीं.