श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने शुक्रवार को संसद को भंग कर दिया, जिससे देश में निर्धारित समय से आठ माह पहले अगस्त के मध्य में ताजा संसदीय चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया.
लंबे समय से था संसद भंग होने का इंतजार
राष्ट्रपति भवन के एक सूत्र ने बताया कि राष्ट्रपति सिरिसेना ने संबद्ध राजपत्र अधिसूचना पर हस्ताक्षर किए और उसे सरकारी मुद्रक के पास भेज दिया. सरकारी मुद्रण कार्यालय ने राष्ट्रपति के हस्ताक्षर वाला नोटिस मिलने की पुष्टि की है. 225 सदस्यीय सदन को भंग किए जाने की घोषणा का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था.
अगस्त के मध्य में हो सकते हैं चुनाव
सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रपति के इस कदम के बाद अगस्त के मध्य में ताजा संसदीय चुनाव कराने का रास्ता साफ हो जाएगा. चुनाव का निर्धारित समय अप्रैल 2016 है, लेकिन राष्ट्रपति ने इस साल 23 अप्रैल को अपनी नई सरकार के 100 दिन पूरे होने के मौके पर संसद को भंग करने का वादा किया था. उन्होंने संवैधानिक और चुनावी सुधारों को लागू करने के अपने फैसले पर अमल रोक लिया. हालांकि अप्रैल में 19वें संशोधन के जरिए संवैधानिक सुधार को मंजूरी दी गई, लेकिन चुनावी सुधार अथवा 20ए का कार्यान्वयन नहीं हो पाया क्योंकि राजनीतिक दल मौजूदा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के स्थान पर चुनाव की आदर्श प्रणाली को लेकर कोई सहमति नहीं बना पाए.
अमेरिका से किया था वादा
सिरिसेना ने अमेरिका और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से वादा किया था कि देश में सितंबर तक नई सरकार कार्यभार संभाल लेगी.
-इनपुट भाषा से