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Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में हालात बेकाबू, देश में लगा कर्फ्यू, कार्यवाहक राष्ट्रपति पर सस्पेंस!

श्रीलंका के राजनीतिक हालात को देखते हुए स्पीकर ने बुधवार शाम को ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई थी. इस मीटिंग में विपक्षी दलों ने रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति स्वीकार करने से इनकार कर दिया.

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श्रीलंका में सरकार विरोधी प्रदर्शन (फाइल फोटो)
श्रीलंका में सरकार विरोधी प्रदर्शन (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • श्रीलंका में हालात बेहद खराब
  • सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों से की अपील

श्रीलंका में हालात बेकाबू हो गए हैं. एक ओर प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री कार्यालय और राष्ट्रपति भवन पर कब्जा किए हुए हैं. वहीं दूसरी ओर राजनीतिक परिस्थितियां भी जटिल हैं. ऐसे में हालात पर काबू पाने के लिए गुरुवार सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया है. कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने देशव्यापी कर्फ्यू लगाने का आदेश जारी कर दिया है. 

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राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने अभी तक अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है, जबकि उन्होंने बीते शनिवार को वादा किया था कि 13 जुलाई को इस्तीफा दे देंगे. इससे पहले वो बुधवार को सुबह की मालदीव चले गए. माले से देर रात सिंगापुर के लिए रवाना हो गए. जैसे ही राष्ट्रपति ने देश छोड़ा, प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन और तेज हो गया और उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय पर कब्जा कर लिया. बीते शनिवार को जब हजारों प्रदर्शनकारियों ने उनके आधिकारिक आवास पर धावा बोल दिया था तो गोटाबाया राजपक्षे ने घोषणा की थी कि वो 13 जुलाई को पद छोड़ेंगे. जनता ने उन्हें आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया था, जिसने देश को घुटनों पर ला दिया था. 

रानिल विक्रमसिंघे कार्यकारी राष्ट्रपति 

श्रीलंका में रानिल विक्रमसिंघे को कार्यकारी राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है. वह अबतक पीएम पद पर थे, लेकिन गोटाबाया के भागने के बाद स्पीकर ने रानिल विक्रमसिंघे को कार्यकारी राष्ट्रपति बना दिया है. हालांकि बाद में राष्ट्रपति की ओर से भी राजपत्र जारी कर दिया गया. कार्यकारी राष्ट्रपति बनने से पहले उनकी तरफ से बयान आया कि श्रीलंका में आपातकाल लगाया जा रहा है, लेकिन कुछ देर बाद ही कहा गया कि कोई आपातकाल नहीं लगाया जा रहा है. 

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स्पीकर ने बुलाई थी ऑल पार्टी मीटिंग 

श्रीलंका के राजनीतिक हालात को देखते हुए स्पीकर ने बुधवार शाम को ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई थी. इस मीटिंग में विपक्षी दलों ने रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति स्वीकार करने से इनकार कर दिया. साथ ही रानिल विक्रमसिंघे के इस्तीफे की मांग की. इसके अलावा गोटाबाया राजपक्षे का भी इस्तीफा मांगा. वहीं पीएमओ की ओर से स्पीकर को लिखा गया है कि वो जल्द से जल्द सर्वसम्मति से नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति कर लें. 

प्रदर्शनकारियों ने पीएमओ पर किया कब्जा  

गोटाबाया के जाने से नाराज प्रदर्शनकारियों ने आज संसद भवन और पीएम हाउस की तरफ कूच किया था. सुरक्षाकर्मियों ने संसद भवन से कुछ दूर हजारों प्रदर्शनकारियों को रोक लिया था. लेकिन प्रदर्शनकारी सुरक्षा घेरा तोड़कर पीएम हाउस में घुस गये थे. ये लोग पीएम रानिल विक्रमसिंघे का भी इस्तीफा मांग रहे थे. रानिल विक्रमसिंघे का निजी आवास प्रदर्शनकारियों ने पहले ही फूंक दिया था. उग्र भीड़ ने आज श्रीलंका के सरकारी न्यूज चैनल Jathika Rupavahini पर कब्जा कर लिया. प्रदर्शनकारी उस चैनल के दफ्तर में घुस गये थे. एक प्रदर्शनकारी वहां एंकर बनकर बैठ गया और अपनी बातें रखने लगा. 

कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए बनी कमेटी 

कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने अपने स्पेशल बयान में कहा है कि कानून-व्यवस्था बहाल करने और स्थिति को सामान्य करने के लिए तीनों सेनाओं के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, आईजीपी और कमांडरों की एक समिति नियुक्त की गई है. 

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