श्रीलंका में तीन गिरजाघरों और तीन होटलों में करीब एक साथ हुए छह विस्फोटों में कम से कम 156 लोगों की मौत हो गई और 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. श्रीलंका के इतिहास में यह सबसे भयानक हमलों में से एक है. पुलिस प्रवक्ता रूवन गुनासेखरा ने बताया कि ये धमाके स्थानीय समयानुसार आठ बजकर 45 मिनट पर ईस्टर प्रार्थना सभा के दौरान कोलंबो के सेंट एंथनी, पश्चिमी तटीय शहर नेगेंबो के सेंट सेबेस्टियन चर्च और बट्टिकलोवा के एक चर्च में हुए. वहीं तीन अन्य विस्फोट पांच सितारा होटलों- शंगरीला, द सिनामोन ग्रांड और द किंग्सबरी में हुए. होटल में हुए विस्फोट में घायल विदेशी और स्थानीय लोगों को कोलंबो जनरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है.
दूसरी ओर 'गल्फ न्यूज' ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि श्रीलंका के पुलिस प्रमुख ने 10 दिन पहले किसी बड़े हमले का इंटेलिजेंस इनपुट दिया था. इनपुट में कहा गया था कि फिदायीन हमलावर देश के प्रमुख चर्चों को निशाना बना सकते हैं. गल्फ न्यूज ने एएफपी के हवाले से यह रिपोर्ट प्रकाशित की है. पुलिस प्रमुख पुजुथ जयसुंदर ने 11 अप्रैल को देश के आला पुलिस अधिकारियों को इनपुट भेजा था जिसमें हमले के प्रति आगाह करने की बात कही गई थी.
इंटेलीजेंस अलर्ट में एक विदेशी इंटेलीजेंस एजेंसी का भी इनपुट जोड़ा गया था और कहा गया था कि नेशनल तौहीत जमात (एनटीजे) नामक संगठन श्रीलंका के कुछ अहम गिरजाघरों को निशाना बनाने की फिराक में है. इस संगठन के निशाने पर कोलंबो में भारतीय उच्चायुक्त भी था. इनपुट में ऐसी जानकारी दी गई थी. गौरतलब है कि जिस एनटीजे का नाम श्रीलंका के धमाके में उछला है, वह कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन है. पिछले साल भी यह संगठन सुर्खियों में आया था जब वहां कुछ बौद्ध धर्मस्थलों पर हमला किया गया था. हालांकि इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है.
उधर, श्रीलंका के अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि अब तक इन धमाकों में 156 लोगों की मौत हो गई है. उन्होंने बताया कि कोलंबो में 42, नेगेंबो में 60 और बट्टिकलोवा में 27 लोगों की मौत हो गई. कोलंबो नेशनल हॉस्पिटल के प्रवक्ता डॉक्टर समिंदि समराकून ने बताया कि 300 से ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. आर्थिक सुधार और लोक वितरण मंत्री हर्ष डि सिल्वा ने कहा, ‘विदेशी लोगों समेत कई लोग मारे गए हैं.’ इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है. श्रीलंका में पूर्व में लिट्टे (एलटीटीई) ने कई हमले किए हैं. हालांकि 2009 में लिट्टे का खात्मा हो गया.
राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. सिरिसेना ने कहा, ‘मैं इस अप्रत्याशित घटना से सदमे में हूं. सुरक्षाबलों को सभी जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.’ एक मंत्री ने बताया कि श्रीलंका की सरकार ने आपात बैठक बुलाई है. सभी आपातकालीन कदम उठाए गए हैं और जल्द ही आधिकारिक बयान जारी किया जाएगा. हर्ष डि सिल्वा ने कहा, ‘बेहद भयावह दृश्य, मैंने लोगों के शरीर के अंगों को इधर-उधर बिखरा देखा. आपातकालीन बल सभी जगह तैनात हैं.’ कोलंबो में भारतीय उच्चायुक्त ने ट्वीट किया, ‘विस्फोट आज कोलंबो और बट्टिकलोवा में हुए. हम स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं. भारतीय नागरिक किसी भी तरह की सहायता और मदद और स्पष्टीकरण के लिए इन नंबरों पर फोन कर सकते हैं- +94777903082, +94112422788, +94112422789.’