इराक की एक टीनएज लड़की ने इस बात से पर्दा उठाया है कि इस्लामिक स्टेट के लड़ाके किस तरह हर रोज सैकड़ों महिलाओं का यौन उत्पीड़न करते हैं. इन महिलाओं को उन्होंने सेक्स गुलाम के तौर पर बंधक बनाकर रखा है. यह नाबालिग भी उनमें से एक है. यह खबर मेल ऑनलाइन ने प्रकाशित की है.
17 साल की किशोरी ने बताया कि वह उन 40 यजीदी महिलाओं में से एक है जिन्हें सेक्स गुलाम के तौर पर इस्लामिक चरमपंथियों ने रखा था, जब चार सप्ताह पहले आईएसआईएस ने उनके शहर पर कब्जा कर लिया.
चरमपंथियों के हाथों प्रताड़ित इस लड़की के लिए यह समय काफी मुश्किल भरा था. उसे अक्सर यह ख्याल आता कि उसे पीट-पीट कर मार दिया जाएगा. लेकिन वह जिंदा रही. इन सबके बावजूद उसे उम्मीद है कि वह अपने मां बाप से दोबारा मिल पाएगी.
पीड़ित लड़की को एक बार इटैलियन समाचार पत्र 'ला रिपब्लिका' से मोबाइल के जरिए बात करने की अनुमति मिली थी. इसके जरिए आईएसआईएस के लड़ाकों का मकसद दुनिया को इन लोगों के साथ किए जा रहे व्यवहार के बारे में बताना था. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक यजीदी लड़की ने कहा कि गुलाम के तौर रखी गई लड़कियों में कुछ की उम्र तो 13 साल से भी कम है.
लड़की के मुताबिक इन सभी लड़कियों को एक इमारत में बंद कर रखा गया है. आईएसआईएस के गढ़ मोसुल के दक्षिण में इस गांव की रखवाली हथियारों से लैस लड़ाके करते हैं. अल्पसंख्यक यजीदी समुदाय की सैकड़ों महिलाओं को सुन्नी आतंकियों ने बंधक बनाकर रखा है.
किशोरी ने बताया कि 35 साल की कम उम्र की यजीदी महिलाओं को आईएसआईएस के लड़कों ने इराक के दूसरे सबसे बड़े शहर के एक स्कूल में बंधक बनाकर रखा है. इसके साथ ही दस हजार के करीब लोग पहाड़ों पर फंसे हुए है. जिन्हें आतंकियों ने घेर रखा है. हालांकि अमेरिका और ब्रिटेन ने मदद के रूप में हवाई हमले किए, जिसके बाद कुछ लोगों को सीरिया, कुर्दिस्तान और तुर्की भागने में मदद मिली.
हालांकि इसके बावजूद बड़ी संख्या में महिलाएं बंधक है और ब्रिटिश जेहादियों के मुताबिक इनकी संख्या 300 तक हो सकती है.