नए साल पर जापान में आए भूकंप ने भीषण तबाही मचाई है. अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है. 38 फ्लाइट कैंसिल की जा चुकी हैं. 33 हजार घरों में अंधेरा छाया हुआ है. यानी इनमें बिजली का कनेक्शन पूरी तरह से कट चुका है. हालात इतने खराब हैं कि जापान की सेना को जमीन पर उतारना पड़ा है.
दरअसल, जापान ने 2024 के पहले दिन भूकंप की एक सीरीज का सामना किया. जापानी अधिकारियों के मुताबिक एक ही दिन के अंदर भूकंप के करीब 155 झटके महसूस किए गए. इसमें कई झटके 6 तीव्रता से ज्यादा के थे, जबकि पहला झटका 7.6 तीव्रता का था. इस झटके ने ही सबसे ज्यादा तबाही मचाई.
रास्तों में दरारें, रेस्क्यू भी हुआ प्रभावित
भूकंप की तीव्रता को देखते हुए जापान में तुरंत सुनामी की चेतावनी कर दी गई थी. इसके बाद जापान के समुद्री क्षेत्र में 5 फीट तक ऊंची लहरें भी उठीं. इस भूकंप के कारण जापान के कई मुख्य हाईवे बंद करने पड़े, जिसके चलते डॉक्टर और सेना के जवानों सहित रेस्क्यू अभियान में जुटे लोग भी अलग-अलग स्थानों पर फंस गए. इन सड़कों पर बड़ी-बड़ी दरारें देखी गईं.
नोटो प्रायद्वीप पर सबसे ज्यादा असर
बता दें कि जापान में आए भूकंप ने सबसे ज्यादा दूर-दराज में स्थित नोटो प्रायद्वीप को प्रभावित किया है. इस जगह पर जापानी सेना के हजारों जवान तैनात किए गए हैं. जापान के परिवहन मंत्रालय के मुताबिक चार एक्सप्रेसवे, दो हाई-स्पीड ट्रेन, 34 लोकल ट्रेन लाइन और 16 समुद्री यातायात को रोक दिया गया है. जापान के मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में भूकंप के और अधिक शक्तिशाली झटके आ सकते हैं.
रूस और साउथ कोरिया में भी अलर्ट
जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने रेस्क्यू टीमों को भूकंप प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने का आदेश दिया है. जापान में आए शक्तिशाली भूकंप के बाद रूस, दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया में भी सुनामी की चेतावनी जारी की गई है. रूस के सखालिन द्वीप के पश्चिमी तट और मुख्य भूमि प्रिमोर्स्क और खाबरोवस्क क्षेत्र सुनामी का खतरा है.
मदद के लिए आगे आया अमेरिका
जापान में भूकंप से आई इस भीषण तबाही के बाद अमेरिका ने मदद की इच्छा जाहिर की है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि जापान की किसी भी तरह से मदद के लिए अमेरिका तैयार है. उन्होंने कहा कि निकट सहयोगियों के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान दोस्ती का गहरा बंधन साझा करते हैं, जो हमारे लोगों को एकजुट करता है. इस कठिन समय में हमारी संवेदनाएं जापानी लोगों के साथ हैं.
2011 में आया था सबसे भीषण भूकंप
बता दें कि जापान में अक्सर भूकंप आने का खतरा रहता है. यहां बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन को लेकर बहुत सख्त नियम हैं. यहां की इमारतें इस तरीके से डिजाइन की जाती हैं कि भूकंप के तेज झटकों को भी सह सकें. 1 जनवरी से पहले जापान में भूकंप का बड़ा झटका 16 मार्च 2022 को आया था. इस दिन फुकुशिमा में 7.3 तीव्रता के भूकंप के चलते दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 94 लोग घायल हुए थे. जापान के इतिहास में सबसे भयानक भूकंप 11 मार्च 2011 को आया था, जब 9.0 तीव्रता के झटके ने जापान को हिलाकर रख दिया था और सुनामी के बाद करीब 20 हजार लोगों की मौत हुई थी.