एक कॉलेज के छात्र को पांच दिन तक जेल में बंद करने के बाद किसी ने उसकी कोई सुध नहीं ली. उसे ना ही खाना दिया गया और ना ही पानी. मजबूरन प्यास बुझाने के लिए लड़के को अपनी पेशाब पीनी पड़ी. इस गलती के लिए अब अदालत के बाहर हुए एक सौदे के तहत उसे अमेरिकी सरकार ने 41 लाख डॉलर (करीब 25 करोड़ रुपये) का मुआवजा दिया है.
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया का 24 वर्षीय छात्र डेनियल चोंग 21 अप्रैल 2012 को नशे के नौ संदिग्ध सौदागरों पर छापे के दौरान पकड़ा गया था. उनके पास से 18,000 नशे की गोलियां, ड्रग्स और हथियार बरामद किए गए थे. उसके बाद चोंग को सैन डिएगो के ड्रग एन्फोर्समेंट विभाग की जेल की एक कोठरी में बंद कर दिया गया. उसे कहा गया कि उस पर कोई आरोप नहीं बनता और अभी एक मिनट में आकर तुम्हें ले जाते हैं. उसके बाद कोई नहीं आया.
सात संदिग्धों को काउंटी जेल में भेज दिया गया और एक को छोड़ दिया गया, लेकिन चोंग कोठरी में ही बंद रह गया. चोंग ने लात मारी और जितनी जोर से हो सकता था चीखा भी, लेकिन किसी ने उसकी आवाज नहीं सुनी.
चोंग ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा, 'मुझे अपनी पेशाब पीनी पड़ी. जिंदा रहने के लिए मैं जो कुछ भी कर सकता था मैंने किया.' जेल में रहने के दौरान चोंग का 15 पाउंड वजन भी कम हो गया.
25 अप्रैल को जब उसे जेल से बाहर निकाला गया तो उसकी हालत काफी खराब थी. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां लगातार पांच दिन तक इलाज के बाद उसे डिस्चार्ज किया गया.