फ्रांस में भारतीय वायुसेना और फ्रांस एयरफोर्स के फाइटर विमान के बीच बड़ा युद्धाभ्यास चल रहा है. फ्रांस के Mont De Marsan एयरबेस में चल रहे इस संयुक्त इंडो-फ्रेंच युद्ध अभ्यास में मिराज 2000, सुखोई 30 एमकेआई, अल्फा जेट विमान शामिल हैं. लेकिन जो विमान सबसे ज्यादा चर्चा में है, उसका नाम है राफेल. जो जल्द ही भारतीय वायुसेना में शामिल होने वाला है.
भारतीय वायुसेना के 120 योद्धाओं की टुकड़ी फ्रांस पहुंची है. इनमें सुखोई 30 एमकेआई विमान, सी17 ग्लोबमास्टर मालवाहक विमान और आईएल 78 ईधन भरने वाले विमान शामिल हैं. गरुड़ युद्धाभ्यास के दौरान भारतीय वायुसेना के उप वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया ने खुद राफेल लड़ाकू विमान उड़ाया. बता दें कि एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया राफेल लड़ाकू विमान खरीद टीम के चेयरमैन रहे हैं.
वाइस चीफ एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि राफेल लड़ाकू विमान दुनिया का बेहतरीन विमान है. इसके आने से भारतीय वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. सुखोई और राफेल की जोड़ी की ताकत के आगे पाकिस्तान और चीन अब भारत के खिलाफ कोई नापाक हरकत नहीं कर पाएंगे.
Vice Chief Air Marshal RKS Bhadauria to ANI in Mont De Marsan,France: Once Su-30MKI&Rafale start operating together,it'll be a potent combination against our adversaries. Be it Pak or anyone else,it'll be a potent capability.Any adversary would be worried about such a combination pic.twitter.com/B0lSAjMrbe
— ANI (@ANI) July 11, 2019
बता दें कि फ्रांसीसी वायुसेना राफेल, अल्फा जेट, मिराज 2000, C135, E3F, C130 और कासा जैसे विमानों के साथ भारतीय वायुसेना की मेजबानी कर रही है. यह अभ्यास भारतीय वायुसेना पायलट और कर्मियों के लिए राफेल जेट विमानों के बारे में ज्यादा जानने का अवसर दे रहा है. गौरतलब है कि बालकोट हवाई हमले के बाद वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा था कि अगर हमारे पास राफेल लड़ाकू विमान होता तो नतीजे कुछ और होते. ऐसे में अब आने वाले दिनों में सुखोई और राफेल लड़ाकू विमान की जोड़ी दुश्मन पर कहर बरपाएगी.
राफेल विमान को लेकर राजनीतिक विवाद के बीच भारत ने 58,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल जेट खरीदने के लिए फ्रांस के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. पहला राफेल विमान इसी साल सितंबर में भारत आने की उम्मीद है. साल 2003 से गरुड़ युद्ध अभ्यास कभी भारत में तो कभी फ्रांस में आयोजित होता रहा है. पहला गरुड़ फरवरी 2003 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आयोजित किया गया था. तब से विभिन्न गरुड़ युद्ध अभ्यास फ्रांस और भारत में आयोजित किए गए हैं. पांचवां इंडो-फ्रांस एयर अभ्यास गरुड़ 2004 में वायुसेना के जोधपुर स्थित स्टेशन पर आयोजित किया गया था.