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सूडान: पीएम अब्दल्ला हमदोक ने दिया इस्तीफा, सैेेन्य तख्तापलट के बाद फिर बने थे प्रधानमंत्री

रविवार को अब्दल्ला हमदोक ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया. इससे पहले रविवार को सैन्य सुरक्षाबलों ने लोकतंत्र की बहाली की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए बल का प्रयोग किया. इस दौरान फायरिंग में दो लोगों को जान चली गई.

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सूडान के प्रधानमंत्री अब्दल्ला हमदोक का इस्तीफा
सूडान के प्रधानमंत्री अब्दल्ला हमदोक का इस्तीफा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सूडान के प्रधानमंत्री अब्दल्ला हमदोक का इस्तीफा
  • सूडान में अक्टूबर में हुआ था सैन्य तख्तापलट

दक्षिण अफ्रीकी देश सूडान के प्रधानमंत्री अब्दल्ला हमदोक ने राजानीतिक गतिरोध के बीच इस्तीफे का ऐलान कर दिया. दरअसल, सूडान में हाल ही में सैन्य तख्तापलट हुआ था और अब्दल्ला हमदोक को अपदस्थ कर सेना ने सत्ता अपने हाथ में ले ली थी. हालांकि, बाद में सैन्य अधिकारी अब्दल्ला हमदोक को पीएम पद पर बहाल करने पर तैयार हो गए थे. 

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लेकिन अब रविवार को अब्दल्ला हमदोक ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया. इससे पहले रविवार को सैन्य सुरक्षाबलों ने लोकतंत्र की बहाली की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए बल का प्रयोग किया. इस दौरान फायरिंग में दो लोगों को जान चली गई. 
 
दरअसल, सैम्य तख्तापलट के बाद सूडान की राजधानी खार्तूम और अन्य शहरों में हजारों लोग प्रदर्शन करने के लिए जुटे थे. हालांकि, बाद में सेना ने एक डील के तहत प्रधानमंत्री अब्दल्ला को बहाल कर दिया. लेकिन लोकतंत्र समर्थक आंदोलन को दरकिनार कर दिया. 
 
सूडान में डॉक्टरों की कमेटी, जो लोकतंत्र समर्थक आंदोलन का समर्थन कर रही थी, ने कहा, एक नागरिक की मौत उसके सिर पर चोट लगने से हुई, जबकि दूसरे नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई.  कमेटी का कहना है कि दर्जनों नागरिक जख्मी हुए हैं. 
 
अक्टूबर में हुआ था सैन्य तख्तापलट

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25 अक्टूबर को सूडान में सैन्य तख्तापलट हुआ था. इसके बाद सरकारी अधिकारियों और नेताओं को गिरफ्तार किया गया था. सैन्य तख्तापलट के बाद राजधानी खार्तूम की सड़कों पर, सुरक्षा बलों ने राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च कर रहे प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे जो सेना की राजनीति से पूरी तरह से वापसी की मांग कर रहे थे. 25 अक्टूबर से, जब सेना ने आपातकाल की स्थिति घोषित की और नागरिक नेतृत्व को भंग कर दिया, तख्तापलट के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 40 लोग मारे गए.  

इसके बाद एक समझौते के तहत अब्दल्ला की सत्ता में वापसी हुई थी. इस दौरान अब्दल्ला हमदोक ने कहा था कि वे हिंसा रोकने के लिए ही इस समझौते पर राजी हुए हैं. लेकिन एक बार फिर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई हिंसा के बाद अब्दल्ला ने इस्तीफा दे दिया. 

 

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