बांग्लादेश में सोमवार को 55 वर्षीय सूफी संत फरहद हुसैन चौधरी और उनकी किशोर नौकरानी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस के मुताबिक अज्ञात बंदूकधारियों ने वारदात को अंजाम दिया. सुन्नी बहुल बांग्लादेश में अल्पसंख्यक सूफी मुस्लिम समुदाय पर यह ताजा हमला है. हाल ही में बांग्लादेश में लेखकों और अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले बढ़े हैं. यह घटना बांग्लादेश की राजधानी ढाका से 350 किमी दूर दीनाजपुर जिले की है.
पुलिस ने बताया कि बंदूकधारी हमलावरों ने फरहद हुसैन चौधरी और उनकी किशोर नौकरानी की उत्तरी बांग्लादेश के दीनाजपुर जिले स्थित घर में गोली मारकर और गला रेत कर हत्या कर दी. फिलहाल घटना की वजह साफ नहीं हो पाई है. हमलावर का भी अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है. पुलिस ने कहा कि मामले में जांच की जा रही है. जल्द ही हमले की वजह साफ हो जाएगी.
वहीं, स्थानीय पुलिस प्रमुख आरजू मोहम्मद ने कहा कि इस हमले में इस्लामिक आतंकियों के हाथ होने की बात से इनकार नहीं किया जा सकता है. उधर, अभी तक किसी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. हाल ही में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर कई हमले देखने को मिले हैं. एक जुलाई 2016 को आईएस आतंकियों ने बांग्लादेश के बेहद लोकप्रिय कैफे में हमला करके 22 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था.
इसमें एक भारतीय समेत कई विदेशियों की जान चली गई थी. इससे पहले भी खूंखार आतंकी संगठन अलकायदा और आईएस कई सिलसिलेवार हमलों की जिम्मेदारी ले चुके हैं, लेकिन बांग्लादेश सरकार इसको खारिज करती आ रही है. सरकार का कहना है कि देश के कट्टरपंथी संगठन इन वारदात को अंजाम दे रहे हैं.