बगदाद में शिया जायरीनों पर हमले सहित पूरे देश में हुई हिंसा की घटनाओं में दो पत्रकारों सहित कम से कम 73 लोगों की जान चली गई. वर्ष 2008 के बाद से यहां जिस तरह हिंसा हो रही है उससे यह आशंका तेज होती जा रही है कि क्या इराक में वर्ष 2006-07 की तरह ही शिया-सुन्नी टकराव होगा, जिसमें हजारों लोग मारे गए थे.
बगदाद के उत्तर में अधमिया इलाके में जायरीन पर हमले के बारे में अलग-अलग बातें कही जा रही हैं. इस हमले में कम से कम 49 लोगों की मौत हो गई और करीब 75 लोग घायल हो गए.
शनिवार को जब जायरीन इमाम मोहम्मद अल जावद की बरसी पर उनकी दरगाह में थे, तब ही उन पर पहले बम फेंका गया और फिर आत्मघाती हमला हुआ. मोहम्मद अल जावद नौवें शिया इमाम थे.
इराक में शियाओं के कुछ पवित्र स्थल हैं जहां हर साल लाखों जायरीन आते हैं. अलकायदा से जुड़े सुन्नी उग्रवादी अक्सर इन जायरीन को निशाना बनाते हैं.
इससे पहले शनिवार को, मोसुल के उत्तर में बंदूकधारियों ने दो इराकी पत्रकारों को गोली मार दी. शरकिया टीवी चैनल के अनुसार उसके संवाददाता मोहम्मद करीम अल बदरानी और छायाकार मोहम्मद गनेम की मोसुल में हत्या कर दी गई.
मोसुल में सुरक्षा बलों और अधिकारियों पर उनकी खबरों की वजह से आए दिन उन्हें धमकियां मिल रही थीं.
पुलिस ने बताया कि राजधानी के उत्तर में बलाद शहर में एक कैफे में आत्मघाती हमले में 12 लोगों की मौत हो गई और 35 घायल हो गए.