बिहार में गरीब छात्रों को IIT में दाखिले के लिए कोचिंग देने वाले आनंद कुमार का कहना है कि तकनीक सुखी-संपन्न लोगों के हाथों का औजार नहीं होना चाहिए. 'सुपर 30' के संस्थापक आनंद ने कहा कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अशिक्षा और गरीबी के खिलाफ लड़ने में हथियार के तौर पर होना चाहिए.
अमेरिका के नामी-गिरामी मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में अपने संबोधन में आनंद कुमार ने कहा कि तकनीक केवल बड़ी रकम बनाने का औजार नहीं होना चाहिए. इसे अशिक्षा के खिलाफ लड़ाई में बड़ा हथियार बनाना चाहिए, जिसकी बदौलत गरीब को जरूरी शिक्षा मिले, जिससे दुनिया की बड़ी आबादी वंचित है. इससे दुनिया को मेरिट की बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है.
आनंद कुमार 'सुपर 30' के संस्थापक हैं, जिसकी शुरुआत पटना में हुई थी. इस संस्थान से हर साल समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके के 30 प्रतिभाशाली उम्मीदवारों का चयन होता है और IIT की प्रवेश परीक्षा के लिए उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है.
आनंद कुमार को MIT और हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी ने उनके खास योगदान को देखते हुए अपने यहां बोलने के लिए आमंत्रित किया था.