विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने रविवार को बीजिंग में मुलाकात की. दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों को सुधारने का संकल्प लिया. सुषमा और वांग ने दोनों मुल्कों के संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक-दूसरे की सराहना की, जिनमें पिछले साल डोकलाम में 73 दिनों के सैन्य गतिरोध के कारण खटास आ गई थी.
इस मौके पर वांग ने कहा, इस साल हमारे नेताओं के मार्गदर्शन में चीन-भारत संबंधों ने अच्छा विकास किया है और विदेश मंत्री सुषमा ने उसमें बहुत अहम योगदान दिया है, जिसकी हम सराहना करते हैं.
वांग ने कहा, इस वर्ष चीन के एनपीसी के समापन की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक बहुत ही महत्वपूर्ण फोन आया. इस दौरान दोनों नेताओं ने विचारों का आदान-प्रदान किया और चीन-भारत संबंधों को आगे बढ़ाने पर महत्वपूर्ण आम सहमति जताई थी. हमें उसे लागू करने के लिए बहुत मेहनत करनी होगी.
सुषमा ने वांग को स्टेट काउंसलर और भारत के साथ सीमा मुद्दे पर चीन के विशेष प्रतिनिधि बनने की बधाई दी.
मानसरोवर यात्रा पर सहमति
भारत और चीन ने सिक्किम में नाथूला मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने पर सहमति जता दी है. करीब 10 महीने पहले डोकलाम में पैदा हुए गतिरोध के बाद यात्रा रोक दी गयी थी. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की यहां चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बातचीत के दौरान यह निर्णय लिया गया.
सुषमा ने कहा, ‘हम इस बात से खुश हैं कि इस साल नाथू ला मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर शुरू होगी.' उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि इस साल चीनी पक्ष के पूरे सहयोग से यात्रा भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए संतोष देने वाला अनुभव होगी.’
डोकलाम के विवाद का असर
भारतीय सैनिकों की ओर से चीन की सेना को भूटान के दावे वाले इलाके में एक सड़क बनाने से रोके जाने के बाद 16 जून को दोनों देशों के बीच गतिरोध की स्थिति पैदा हो गयी थी. इसके बाद 28 अगस्त को यह स्थिति समाप्त हुई. विदेश मंत्रालय हर साल दो अलग-अलग रास्तों से जून से सितंबर तक यात्रा का आयोजन करता है. इन दो मार्गों में लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड) और नाथूला दर्रा (सिक्किम) है. धार्मिक महत्व वाली इस तीर्थयात्रा का सांस्कृतिक महत्व भी है, जिसमें हर साल सैकड़ों लोग कैलाश मानसरोवर जाते हैं.
EAM @SushmaSwaraj : I conveyed our appreciation to the Chinese side for their confirmation on resumption of data sharing on Brahmaputra and Sutlej rivers in 2018. pic.twitter.com/36SnzkRyOE
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) April 22, 2018
विदेश मंत्री ने वार्ता के बाद कहा कि साल 2018 में चीन, सतलज और ब्रह्मपुत्र नदी के डेटा भारत को उपलब्ध कराएगा. इसके अलावा भारत और चीन के बीच आतंकवाद, क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल हेल्थकेयर जैसे अहम मुद्दों पर भी बातचीत हुई है.
चीन जाएंगे PM मोदी
सुषमा स्वराज ने बताया कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत होगी और कई समझौतों को अंतिम रूप दिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27-28 अप्रैल को चीन दौरे पर रहेंगे. इस दौरान पीएम मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात होगी.
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए सुषमा स्वराज शनिवार को 4 दिन के दौरे पर यहां आई हैं. द्विपक्षीय मुलाकात से पहले वांग ने बीजिंग स्थित दिआयुतई स्टेट गेस्ट हाउस में सुषमा की अगवानी की.
सुषमा और वांग की मुलाकात से ठीक पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल और चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के शीर्ष अधिकारी यांग जिशी के बीच शंघाई में मुलाकात हुई थी.