विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को कहा कि भारत रूस के साथ अपने संबंधों को सबसे ज्यादा महत्व देता है. सुषमा का यह बयान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की अगले महीने की शुरुआत में प्रस्तावित भारत यात्रा से पहले द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा के बाद आया.
सुषमा की पिछले 11 महीने में रूस की यह तीसरी यात्रा है. उन्होंने रूस के उपप्रधानमंत्री यूरी बोरीसोव के साथ शुक्रवार को व्यापार एवं निवेश, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, संस्कृति तथा आपसी हितों के अन्य मुद्दों के क्षेत्र में द्विपक्षीय तालमेल पर हुई प्रगति की समीक्षा की.
दोनों नेताओं ने 23वें भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (प्रौद्योगिकी एवं आर्थिक तालमेल) की सह-अध्यक्षता की.
सुषमा ने बैठक के बाद जारी बयान में कहा, 'भारत और रूस के बीच खास और विशेष रणनीतिक भागीदारी है. यह भागीदारी समय के साथ मजबूत हुई है और इसमें मानव गतिविधियों से जुड़े सभी आयाम शामिल हैं. भारत रूस के साथ अपने संबंधों को सर्वोच्च महत्व देता है.'
Russian Deputy Prime Minister Yury Borisov and Indian Minister of External Affairs Sushma Swaraj co-chair a meeting of the Russia-India Intergovernmental Commission on Trade, Economic, Scientific, Technological and Cultural Cooperation pic.twitter.com/IqTBQVu9IE
— Government of Russia (@GovernmentRF) September 14, 2018
शिखर सम्मेलन की तैयारी
आयोग की यह बैठक भारत में अगले महीने की शुरुआत में होने वाले 19वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन की तैयारियों के मद्देनजर हुई. सुषमा ने कहा कि दोनों पक्ष अभी शिखर सम्मेलन की तैयारियों पर काम कर रहे हैं.
राष्ट्रपति पुतिन के अगले माह की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत पहुंचने की उम्मीद है.
सुषमा ने कहा, 'उपप्रधानमंत्री और मैंने अपने संबंधों की विस्तृत समीक्षा की. मैं बैठक के परिणाम से संतुष्ट हूं. मुझे भरोसा है कि हमारी चर्चा से आने वाले समय में सभी मौजूदा तथा नए क्षेत्रों में तालमेल मजबूत होगा.'
दोतरफा निवेश का नया लक्ष्य
दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार विस्तृत करने पर चर्चा की. द्विपक्षीय व्यापार 2017 में 10.17 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. सुषमा ने कहा, 'हमने इस गति को बढ़ाने, नियंत्रित व्यापार सुनिश्चित करने तथा व्यापार की रुकावटें बढ़ाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की. हमने 2025 तक 30 अरब डॉलर के दोतरफा निवेश को लक्ष्य से पहले ही पा लिया है अत: इसे बढ़ाकर अब 2025 तक 50 अरब डॉलर कर दिया गया है.'
बोरीसोव ने इस मौके पर कहा कि रूस और भारत आने वाले वर्षों में 30 अरब डॉलर का व्यापार टर्नओवर पाने के नजदीक हैं.
रूसी की सरकारी समाचार एजेंसी टास ने बोरीसोव के हवाले से कहा, 'पिछले कुछ सालों में द्विपक्षीय व्यापार ने मजबूत वृद्धि दर हासिल की है. यदि इसे बरकरार रखा गया तो हम जल्दी ही इसे पा लेंगे.'
नए अवसरों की बैठक
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, 'सभी क्षेत्रों में हमारे संबंधों का विस्तार करने तथा नए अवसरों की पहचान के लिए बैठक शुरू. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रूस के उपप्रधानमंत्री यूरी बोरीसोव व्यापारिक, आर्थिक, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीय और सांस्कृतिक तालमेल पर भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग की अध्यक्षता कर रहे हैं.'
विदेश मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि आयोग विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय तालमेल की समीक्षा करने के बाद संबंधित क्षेत्रों में नीतिगत सुझाव एवं दिशा-निर्देश मुहैया कराएगा.
आयोग की पिछली बैठक नई दिल्ली में दिसंबर 2017 में हुई थी. सुषमा ने गुरुवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव से भी मुलाकात की थी.