विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की जिंदादिली का एक और उदाहरण सामने आया है. सुषमा स्वराज ने गुरुवार को रियाद की एक जेल में बंद तेलंगाना की रहने वाली एक भारतीय महिला को मदद का भरोसा दिया है. उन्होंने ट्विटर पर कहा, हम फहिमुन्निसा बेगम को कानूनी मदद के साथ ही हर सहायता उपलब्ध कराएंगे.
We will provide Fahimunnisa Begum legal aid and all assistance. https://t.co/sLWcICg1qq
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) June 28, 2017
@KTRTRS @Collector_KB sir my wife is stuck in Riyadh since 2 months.. now she is in jail.. plz rescue her.. I m from kaghaznagar... pic.twitter.com/mheftQpYlY
— Shaik Sadiq (@ShaikSadiq2876) June 28, 2017
दरअसल, सुषमा से जब महिला के पति ने उसकी रिहाई के लिए मंत्री से निवेदन किया था. उनकी गिरफ्तारी के पीछे के कारणों का पता अभी तक नहीं चल पाया है.
Indian Embassy in Bahrain will check up and inform you. @IndiaInBahrain https://t.co/w8dl8tSGW0
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) June 28, 2017
आपको बता दें कि हाल ही में अमेरिका दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सुषमा स्वराज की जमकर तारीफ की थी. वर्जीनिया में सामुदायिक समारोह के दौरान भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, सोशल मीडिया बेहद शक्तिशाली हो गया है. मैं भी इससे जुड़ा हूं. लेकिन विदेश मंत्रालय और सुषमा स्वराज ने यह मिसाल कायम की है कि कैसे किसी विभाग को इसके जरिए मजबूत किया जा सकता है.
मोदी ने कहा, दुनिया के किसी भी कोने में मुश्किल में फंसा कोई भारतीय अगर विदेश मंत्रालय को ट्वीट करता है, तो सुषमा स्वराज 15 मिनट के भीतर उसे जवाब देती हैं, फिर चाहे रात के दो ही क्यों न बजे हों. सरकार तुरंत कदम उठाती है और परिणाम सामने आते हैं, यह सुशासन है. उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में भारत के विदेश मंत्रालय ने मानवीय कूटनीति में नई ऊंचाईयां हासिल की हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के अलग-अलग कोनों में 80 हजार से ज्यादा भारतीय किसी न किसी मुश्किल का सामना कर रहे थे लेकिन भारत सरकार उन्हें सुरक्षित भारत लेकर आने में सफल रही. उन्होंने उस भारतीय युवती उज्मा अहमद के मामले का भी जिक्र किया, जिसका दावा था कि उसे बंदूक के डर से एक पाकिस्तानी पुरुष से शादी करनी पड़ी थी. मोदी ने कहा, भारत की एक बेटी, जो पाकिस्तान में मुश्किल में फंस गई थी, वह भारतीय उच्चायोग के प्रयासों से भारत लौटी. इसका श्रेय सुषमा जी को जाता है.