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पाकिस्तानः CPEC पर काम कर रहे तीन वर्करों को आतंकियों ने गोली मारी

पिछले हफ्ते हुए हमले की जिम्मेदारी अलगाववादी संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी(बीएलए) ने ली थी.

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शी जिनपिंग के साथ नवाज शरीफ
शी जिनपिंग के साथ नवाज शरीफ

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बलूचिस्तान में चीन-पाक आर्थिक गलियारे पर काम कर रहे वर्करों पर हमले बढ़ गए हैं. संदिग्ध आतंकियों ने शुक्रवार को चीन-पाक आर्थिक गलियारे के तहत बन रहे 'सिल्क रोड' पर काम कर रहे तीन पाकिस्तानी वर्करों को गोली मार दी. तीनों वर्कर पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिम में हाइवे किनारे काम कर रहे थे. बता दें कि इससे पहले इसी तरह के एक हमले 10 वर्कर मारे गए थे. अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है.

हालांकि अब तक किसी ने इस हमले की जिम्मदेारी नहीं ली है, लेकिन पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हुए हमलों के लिए अलगाववादियों ने जिम्मेवारी ली थी. इनका मामना है कि चीन की मदद से बन रहा प्रोजेक्ट उनकी जमीनें हथियाने का तरीका है.

पिछले हफ्ते हुए हमले की जिम्मेदारी अलगाववादी संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी(बीएलए) ने ली थी.

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क्षेत्रीय अधिकारी सरमद सलीम ने कहा, 'शुक्रवार को मारे गए वर्कर ग्वादर को क्वेटा से जोड़ने वाले एक बड़े हाइवे पर काम कर रही टीम का हिस्सा थे.' सलीम ने कहा कि हमले का शिकार हुए वर्करों में से एक की मौत मौके पर ही हो गई, जबकि बाकी दो को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई.

बलूचिस्तान में सुरक्षा व्यवस्था देख रहे अर्धसैनिक बल के एक अधिकारी ने कहा, 'वे लोग दैनिक जरूरतों की चीजें खरीदने होशाब( यह एक छोटा शहर है, जो ग्वादर से 280 किमी दूर है) शहर गए थे.'

बता दें कि गहरे पानी वाला ग्वादर बंदरगाह चीन के पश्चिमी इलाके शिनजियांग प्रांत से शुरू होने वाले सिल्क रूट प्रोजेक्ट का दूसरा सिरा है, जो अरब सागर में स्थित है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के एक सलाहकार के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के जून 2018 तक शुरू होने की उम्मीद है.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को उम्मीद है कि 2020 तक वैश्विक व्यापार का 4 प्रतिशत इसके रूट से गुजरेगा.

सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक 2014 के बाद से आतंकियों ने 54 पाकिस्तानी वर्करों को मार डाला है. 2015 में पाकिस्तान ने एक अलग आर्मी डिवीजन बनाया, इसमें 10 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी हैं. इनकी जिम्मेदारी इंफ्रास्ट्रक्टर सुधारने में लगे वर्करों की सुरक्षा और प्रोजेक्ट की देखभाल करनी थी. चीन ने इस प्रोजेक्ट में 57 बिलियन डॉलर का निवेश किया है.

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चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा नाम से मशहूर यह प्रोजेक्ट आधुनिक दौर के सिल्क रूट प्रोजेक्ट का हिस्सा है. इसके जरिए एशिया, यूरोप और अफ्रीका को जोड़ने का लक्ष्य है.

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