तमाम आशंकाओं को दरकिनार करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मान लिया है कि वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की किसी पेशेवर हत्यारे ने जान ले ली है. दो हफ्ते पहले एक वायरल ऑडियो में दावा गया था कि तुर्की स्थित सऊदी अरब के दूतावास पहुंचे खशोगी की तड़पा-तड़पाकर हत्या कर दी गई थी. लेकिन तब अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस पर संदेह व्यक्त किया था. इसके साथ ही उन्होंने तुर्की और अमेरिकी एजेंसियों को इस मामले की जांच करने के आदेश दिए थे. ट्रंप ने धमकी भी दी थी कि अगर खशोगी की हत्या का मामला सच निकला तो सऊदी अरब को इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे.
शादी की अनुमति लेने दूतावास गए थे खशोगी
1980 के दशक में ओसामा बिन लादेन का इंटरव्यू कर चर्चा में आए जमाल खशोगी तुर्की में रहने वाली अपनी मंगेतर हेटिस सेंगीज से शादी करना चाहते थे. वह इसकी अनुमति लेने के लिए 2 अक्टूबर को तुर्की के इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के दूतावास गए थे. उन्हें दूतावास के अंदर जाते हुए देखा गया लेकिन वहां से बाहर निकलते किसी ने नहीं देखा.
2 हफ्ते पहले एक ऑडियो वायरल हुआ जिसमें दावा किया गया था कि खशोगी की हत्या कर दी गई है. ये दावा भी किया गया था कि खशोगी ने एपल की घड़ी पहन रखी थी जिसमें पूरी वारदात टेप हो गई, पहले उनकी उंगलियां काटी गईं, लगातार उनसे कुछ सवाल पूछे जाते रहे. इसके बाद निर्मम तरीके से उनकी जान ली गई. हालांकि वायरल ऑडियो में यह नहीं बताया गया कि वह कहां का है.
सऊदी रॉयल परिवार के करीबी थे खशोगी
जमाल खशोगी सऊदी अरब के राज परिवार के काफी निकट माने जाते थे, लेकिन कुछ दिनों से वह प्रिंस सलमान के खिलाफ लिख रहे थे. माना जा रहा है कि इसी वजह से उनकी हत्या की गई. हालांकि, सऊदी अरब ने इस मामले में अपना हाथ होने से इनकार किया है.
अफसरों ने 9 घंटे तक दूतावास को खंगाला
ट्रंप के आदेश के बाद तुर्की और अमेरिकी अधिकारियों ने इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के दूतावास में 9 घंटे तक छानबीन की. शक है कि खशोगी की हत्या कर शव पास के जंगलों में फेंक दिया गया. दूतावास से कुछ ऐसे सैंपल भी उठाए गए हैं जिससे खशोगी के डीएनए से उनका मिलान किया जा सके. अमेरिका के विदेश मंत्री ने तुर्की के अधिकारियों के इस दावे पर नाराजगी जताई थी कि उन्होंने बिना किसी सबूत के खशोगी की हत्या का ऐलान कर दिया.
यह उनकी मंगेतर के लिए बहुत ही दुखद होगा. तुर्की के अधिकारी यह दावा भी कर चुके हैं कि सऊदी अरब के पास खशोगी की हत्या का ऑडियो और वीडियो मौजूद है लेकिन वह इसे सार्वजनिक नहीं कर रहा.
ऐसे पुख्ता होती जा रही हत्या की थ्योरी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जांच में सामने आया है कि 15 से अधिक संदिग्ध लोग खशोगी के पहुंचने से पहले ही दूतावास पहुंच गए. इससे पहले ही उनका लीडर वहां पहुंच गया था. लोकल मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि खशोगी का शव आसपास के जंगलों में फेंक दिया गया. कतर आधारित न्यूज चैनल अल जजीरा ने एक रिपोर्ट में दावा किया कि सऊदी दूतावास से 6 कारों को एक साथ निकलते हुए दिखाया गया जिससे लोग कन्फ्यूज हो जाएं.
यह भी दावा किया गया कि हो सकता है कि खशोगी के शव को जला दिया गया हो. पुलिस पास के जंगलों समेत कई जगहों पर सर्च अभियान चला रही है. वहीं अमेरिकी सरकार सऊदी-तुर्की की संयुक्त जांच टीम की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. अमेरिका के विदेश मंत्री पॉम्पियो ने कहा कि सऊदी अरब को जांच के लिए और समय दिया गया है.
कौन है शक के दायरे में?
हर एंगल से इस मामले की जांच की जा रही है. सऊदी अरब के पूर्व राजनयिक मुतरेब को इस हत्या का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. 2 अक्टूबर को सुबह ही मुतरेब को दूतावास पहुंचते देखा गया. उसके साथ ही कुछ और लोग भी दिखाई दिए. इसी दिन खशोगी दूतावास जाने के बाद लापता हुए थे. मुतरेब को दूतावास से निकलते भी देखा गया.
ऐसा माना जा रहा है कि सऊदी राजघराने को विश्वास में लिए बगैर इतना बड़ा कदम नहीं उठाया जा सकता. खशोगी अमेरिकी नीतियों के करीब थे और सऊदी से जो कथित टेरर फंडिंग की जा रही थी उसके खिलाफ लगातार लिख रहे थे. इससे सऊदी अरब का राजघराना नाराज चल रहा था.
सऊदी अरब से संबंधों पर पड़ेगा असर
अगर यह साबित हो जाता है कि खशोगी की हत्या सऊदी राजघराने के इशारे पर की गई है तो सऊदी अरब और अमेरिका के संबंधों में दरार आना स्वाभाविक है. इस वजह से रियाद और पश्चिम के संगठनों के बीच अगले हफ्ते होने वाली मीटिंग पर भी असर पड़ सकता है. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और नीदरलैंड समेत कई देश सऊदी अरब के रियाद में होने वाले निवेश सम्मेलन के बहिष्कार का ऐलान कर चुके हैं.