म्यांमार में हुए आम चुनावों में विपक्षी दल की नेता आन सान सू की ने बड़ी जीत की घोषणा की है. सू की का कहना है कि उनकी पार्टी म्यांमार के प्रमुख शहर यांगून से 57 में से 56 संसदीय सीटों पर जीत की. इन नतीजों से उनकी पार्टी अगले साल राष्ट्रपति पद हासिल कर सकती है.
द नेशनल लीग फोर डेमोक्रेसी ने घोषणा की है कि निचले सदन की 45 सीटों में से 44 सीट पर उनकी पार्टी का कब्जा किया जबकि उच्च सदन की सभी 12 सीटों पर पार्टी जीत दर्ज की. पार्टी ने यांगून के विधानसभा में भी 90 में से 87 सीटें जीतीं. आम चुनावों के साथ राज्य के चुनाव भी साथ हुए.
परिणाम की घोषणा पार्टी के हेडक्वार्टर पर की गई. बड़ी मात्रा में लाल टी-शर्ट में समर्थकों को हुजूम यहां जमा हुआ. कहां जा सकता है कि म्यांमार अब सेना की पकड़ से खुद को मुक्त कराने की ओर बढ़ रहा है, जिसने 2011 तक आधी शताब्दी से ज्यादा अपना शासन चलाया. फिर बाद में अर्ध-नागरिक सरकार के जरिए अपना प्रभाव बनाए रखा.
सू ने कहा कि मैंने सत्ताधारी पार्टी को वोट नहीं दिया क्योंकि वे सिर्फ पूर्व आर्मी लोग हैं. अगर मैं उन्हें चुनती तो इसका मतलब होता कि मैं अपने दुश्मनों को देश में वापस ला रही हूं.
यांगून का परिणाम सरकार द्वारा घोषित नहीं किया गया. लेकिन एनएलडी ने मतदान केन्द्रों पर अपने कार्यकर्त्ताओं को रखा जिन्होंने पार्टी हेडक्वार्टर को जीत की टेली बताई. चुनाव आयोग संख्या बताने में थोड़ा धीमा साबित हुआ.
इससे पहले, सू की ने समर्थकों से अपील की थी वे चुनाव में हारने वाले प्रतिद्वंद्वियों को उकसाएं नहीं. प्रतिद्वंद्वियों में ज्यादातर पूर्व सैन्य शासक हैं जिन्होंने बर्मा के नाम से मशहूर इस दक्षिण पूर्व एशियाई देश पर करीब 50 साल तक शासन किया.
यंगून के नतीजे आने से कुछ घंटे पहले पार्टी प्रवक्ता विन हितेन ने कहा कि दोपहर तक हुई वोटों की गिनती में से करीब 70 फीसदी वोट एनएलडी ने जीते हैं. एक अन्य प्रवक्ता न्यान विन ने 90 फीसदी वोट जीतने की बात कही.
न्यान विन ने कहा, 'हम शानदार जीत हासिल करेंगे.' यदि एनएलडी को वाकई इतनी बड़ी सफलता मिली तो सू ची की पार्टी न केवल संसद में सबसे ताकतवर पार्टी होगी, बल्कि राष्ट्रपति पद भी उसका कब्जा होगा.