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'हमें मस्जिदों पर कब्जा कर उन्हें तोड़ना...', स्वीडिश नेता की इस अपील पर भड़के PM क्रिस्टर्सन

स्वीडन में कुरान जलाने, उसका अपमान करने की घटनाएं होती रही हैं. अब एक धुर-दक्षिणपंथी नेता ने मस्जिदों पर कब्जा कर उन्हें तोड़ने का आह्वान किया है. उनके इस आह्वान का खूब विरोध हो रहा है जिसे देखते हुए स्वीडन के प्रधानमंत्री को आगे आना पड़ा है.

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स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन (Photo- Reuters)
स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन (Photo- Reuters)

यूरोपीय देश स्वीडन में एक धुर-दक्षिणपंथी नेता ने मस्जिदों पर कब्जा कर उन्हें तोड़ने का आह्वान किया है. स्वीडिश प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन की सरकार का समर्थन करने वाली पार्टी स्वीडन डेमोक्रेट्स के नेता जिमी एकेसन के इस विवादित आह्वान पर विरोध को देखते हुए प्रधानमंत्री को बयान जारी करना पड़ा है. प्रधानमंत्री क्रिस्टर्सन ने मस्जिदों को ध्वस्त करने के एकेसन के आह्वान की कड़ी निंदा करते हुए उसे अपमानजनक बताया है.

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स्वीडन डेमोक्रेट्स पार्टी स्वीडन के सत्ताधारी गठबंधन में शामिल नहीं है लेकिन क्रिस्टर्सन इस पार्टी के समर्थन से ही सत्ता में बने हुए हैं. पार्टी के नेता एकेसन ने शनिवार को अपने वार्षिक पार्टी सम्मेलन में एक भाषण के दौरान कुछ मस्जिदों को जब्त करने और उन्हें जमींदोज करने का आह्वान किया.

एकेसन ने कहा, 'हमें उन मस्जिदों को जब्त करना और तोड़ना शुरू करना होगा जहां लोकतंत्र विरोधी, स्वीडिश विरोधी, होमोफोबिक, यहूदी विरोधी प्रचार या गलत सूचना फैलाई जा रही है.'

स्वीडिश प्रधानमंत्री ने क्या कहा?

एकेसन के इस आह्वान पर क्रिस्टर्सन ने स्वीडन के ब्रॉडकास्टर SVT से बात करते हुए कहा, 'मुझे लगता है कि यह खुद को व्यक्त करने का एक अपमानजनक तरीका है. यह एक ध्रुवीकरण करने वाला तरीका है. यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी छवि खराब करता है.'

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एकेसन के भाषण की आलोचना स्वीडन और विदेशों में भी हो रही है. इसे देखते हुए क्रिस्टर्सन ने एक्स (पहले ट्विटर) पर एक बयान जारी कर रहा है कि स्वीडन में धार्मिक स्वतंत्रता एक संवैधानिक अधिकार है.

उन्होंने कहा, 'स्वीडन में हम पूजा स्थलों को ध्वस्त नहीं करते हैं. एक समाज के रूप में, हमें हिंसक उग्रवाद के खिलाफ लड़ना चाहिए चाहे उसका आधार कुछ भी हो. हम ये लड़ाई एक लोकतांत्रिक देश और कानून के शासन के ढांचे के भीतर ऐसा करेंगे.'

पूर्व प्रधानमंत्री भी बोले

सोशल डेमोक्रेट पार्टी से प्रधानमंत्री रहे मैग्डेलेना एंडर्सन ने कहा है कि प्रधानमंत्री क्रिस्टर्सन ने स्टॉकहोम में कैबिनेट ऑफिसों में काम कर रहे सभी सोशल डेमोक्रेट अधिकारियों को हटा देना चाहिए.

उन्होंने एक्स पर कहा, 'यह स्वीडन की छवि खराब करता है और हमारे नेटो में शामिल होने की कोशिशों को मुश्किल बनाता है. इससे हमारे देश में ध्रुवीकरण बढ़ता जा रहा है. इससे स्वीडन और स्वीडिश लोगों की सुरक्षा को खतरा है.'

नेटो में शामिल होने की स्वीडन की कोशिशों में रुकावट

स्वीडन को नेटो में शामिल होने के लिए हंगरी और तुर्की जैसे कई मुस्लिम बहुल देशों की सहमति की जरूरत है लेकिन देश में कुरान जलाने की कई घटनाओं ने इस्लामिक देशों को बेहद नाराज कर दिया है.

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इस साल की शुरुआत से ही स्वीडन में कुरान जलाने की कई घटनाएं हुई है जिसे लेकर मध्य-पूर्व के मुस्लिम देशों में भारी विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला है. कई मुस्लिम देशों ने कुरान जलाने की घटनाओं पर आपत्ति जताते हुए स्वीडन के राजदूत को भी तलब किया था.

वहीं, पिछले साल स्वीडन को लेकर यह गलत सूचना भी बड़ी तेजी से फैलाई गई कि सामाजिक सेवा के नाम पर मुस्लिम बच्चों का अपहरण कर उन्हें ईसाई घरों में रखा जा रहा है. स्वीडन के अधिकारियों ने इन आरोपों का पूरी तरह से खंडन किया था.

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