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स्विस बैंक खातों की जानकारी देने को कानून में बदलाव पर विचार करेगा स्विट्जरलैंड

भारत ने स्विट्जरलैंड से उन भारतीयों के बारे में सूचना साझा करने के लिए आज जोर दिया जिन्होंने स्विस बैंकों में खाता होने की बात स्वीकार की है.

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swiss banks
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भारत ने स्विट्जरलैंड से उन भारतीयों के बारे में सूचना साझा करने के लिए आज जोर दिया जिन्होंने स्विस बैंकों में खाता होने की बात स्वीकार की है.

साथ ही यह भी कहा कि वह सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान को लेकर द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करने को तैयार है. स्विटजरलैंड ने कहा है कि उसकी संसद स्विस बैंक खातों के बारे में सूचना देने के संबंध में कानून में बदलाव पर विचार करेगी.

जेटली ने की स्विस मंत्री से मुलाकात
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शुक्रवार शाम स्विट्जरलैंड के आर्थिक मामलों के मंत्री जोहान एन श्नाइडर-अम्मान से मुलाकात के दौरान उनके समक्ष भारत का यह पक्ष रख रखा.

जेटली ने याद करते हुए कहा कि पिछले साल अक्टूबर में इस बात पर सहमति बनी थी कि अगर भारत एचएसबीसी खातों के बारे में चुराई गई सूचना के अलावा अतिरिक्त सबूत देता है तो स्विट्जरलैंड एक निश्चित समयावधि में उसकी पुष्टि करने में सहयोग करेगा.

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उन्होंने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, ‘चूंकि बड़ी संख्या में खाताधारकों ने भारत सरकार के समक्ष स्वीकार किया है. क्या यह स्वीकारोक्ति स्वयं में एक साक्ष्य है जिसके आधार पर वे काम करेंगे, उन्होंने कहा कि वास्तव में वे करेंगे.’ जेटली ने कहा, ‘और इस तथ्य की आज की बैठक में फिर से पुष्टि हुई. हमने स्विट्जरलैंड से अनुरोध किया है और हमने जो सूचना मांगी है , उसकी पुष्टि करने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा है.’

भारत करेगा स्विट्जरलैंड से समझौता: जेटली
अरुण जेटली ने कहा कि भारत ने स्विट्जरलैंड से द्विपक्षीय सूचना साझेदारी समझौता पर हस्ताक्षर करने को भी कहा है. उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा, हमने उनसे अनुरोध किया कि अब जब स्विट्जरलैंड उन देशों के समूह से जुड़कर काले धन के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने पर सहमति जताई है, जो सूचना के स्वत: आदान-प्रदान में सहयोग करेंगे, जैसे ही वे तैयार होते हैं, भारत तत्काल इस मामले में स्विट्जरलैंड के साथ द्विपक्षीय समझौता करेगा.’

जेटली के साथ बातचीत पर अपनी प्रतिक्रिया में स्विट्जरलैंड के मंत्री ने कहा कि मंत्री के साथ चर्चा बेहद रचनात्मक रही. मंत्री के मुताबिक, 'स्विट्जरलैंड सरकार ने इन मुद्दों के समाधान के लिये संसदीय प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय किया है. स्विट्जरलैंड पूर्व की तरह ओईसीडी नियमन का अनुकरण करने को तैयार है.'

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