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स्विट्जरलैंड ने दो भारतीय खाताधारकों के नाम सार्वजनिक किए

स्विट्जरलैंड ने स्विस बैंकों में खाता रखने वाले विदेशी नागरिकों के नाम सार्वजनिक किए हैं, जिनमें दो भारतीय महिला शामिल हैं. स्विटजरलैंड ने उन्हीं लोगों के नाम सार्वजनिक किए हैं जिनके खिलाफ उनके अपने (गृह) देशों में जांच चल रही है. स्विटजरलैंड ने अपने सरकारी राजपत्र में इन लोगों के नाम सार्वजनिक किए हैं.

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स्विट्जरलैंड ने स्विस बैंकों में खाता रखने वाले विदेशी नागरिकों के नाम सार्वजनिक किए हैं, जिनमें दो भारतीय महिला शामिल हैं. स्विटजरलैंड ने उन्हीं लोगों के नाम सार्वजनिक किए हैं जिनके खिलाफ उनके अपने (गृह) देशों में जांच चल रही है. स्विटजरलैंड ने अपने सरकारी राजपत्र में इन लोगों के नाम सार्वजनिक किए हैं.

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नामों को सार्वजनिक करते हुए स्विस फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफटीए) ने दोनों भारतीयों से कहा है कि अगर वे चाहती हैं कि उनके बारे में जानकारी भारतीय अधिकारियों के साथ साझा नहीं की जाए तो वे 30 दिन के भीतर फेडरल एडमिनिस्ट्रेटिव कोर्ट में अपील कर सकती हैं. हालांकि इसमें दो भारतीय नागरिकों स्नेह लता साहनी और संगीता साहनी की जन्म तारीख के अलावा कोई ब्योरा नहीं दिया गया है.

इसी तरह ब्रिटेन, स्पेन और रूस समेत अन्य देशों के विदेशी नागरिकों के नाम भी इसी रूप में सार्वजनिक किए गए हैं. हालांकि अमेरिकी और इजरायली नागरिकों के संदर्भ में उनके पूरे नाम नहीं बताए गए हैं और केवल नाम के इनीशिअल और जन्म तिथि जारी किए गए हैं. इस तरह के कम से कम 40 'अंतिम नोटिस' इस महीने अब तक स्विस फेडरल राजपत्र में प्रकाशित किए गए हैं. इस प्रकार के कुछ और नाम सार्वजनिक किए जाने की संभावना है.

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सामने आए हैं कुछ ब्योरे
गौरतलब है कि भारतीयों द्वारा स्विस बैंकों में धन रखने का मुद्दा भारत में बहस का प्रमुख विषय बना हुआ है. भारत सरकार लंबे समय से स्विस अधिकारियों पर संदिग्ध कर चोरी करने वालों की जानकारी साझा करने को लेकर दबाव दे रही है. हालांकि स्विट्जरलैंड ने वैसे मामलों में कुछ ब्योरा ही साझा किया है, जिनमें भारत स्विस बैंकों के भारतीय ग्राहकों द्वारा संदिग्ध कर चोरी को लेकर स्वतंत्र रूप से कुछ सबूत उपलब्ध कराने में कामयाब रहा. फिलहाल इस बारे में एफटीए प्रवक्ता को ईमेल के जरिए पूछे गये सवालों के जवाब नहीं आए हैं.

स्विट्जरलैंड की सरकार के पास भारत समेत विभिन्न देशों से संदिग्ध कालाधन रखने वालों के बारे में जानकारी को लेकर मिले कई अनुरोधों के बीच यह जानकारी सार्वजनिक की गई है.

नोटिस के खि‍लाफ कर सकते हैं अपील
दो ‘भारतीय नागरिकों’ और अन्य के लिए नोटिस 12 मई को जारी किए गए, वहीं अन्य नोटिस 19 मई व पांच मई को जारी किए गए. इन नोटिसों के अनुसार सम्बद्ध व्यक्ति तीस दिन में फेडरल एडमिनिस्ट्रेटिव कोर्ट में अपील कर सकता. उसे अपने पक्ष में सबूत भी पेश करने होंगे. इन गजेट नोटिस के जरिए स्विस एफटीए सम्बद्ध व्यक्तियों को कानूनी उपाय का अवसर भी देना चाहता है. इन लोगों के बारे में विदेश सरकारें जानकारी देने का आग्रह कर रही थीं.

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एक साप्ताहिक अखबार के मुताबिक, इस तरह के नोटिसों में शामिल नामों में कुछ जानी पहचानी हस्तियां भी शामिल हो सकती हैं. इसकी रपट के अनुसार बैंकों को इस तरह के ग्राहकों से संपर्क करने में कोई रुचि नहीं है क्योंकि इनमें से अनेक के अब खाते ही नहीं हैं.

स्विटजरलैंड के आर्थिक मामलों के मंत्री जाहन श्नाइडर अम्मान ने 15 मई को भारत यात्रा के दौरान काले धन के खिलाफ भारत की लडाई में पूरा सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई थी. भारतीय संसद ने काले धन को लेकर एक नया कानून हाल ही पारित किया है.

-इनपुट भाषा

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