धन की हेराफेरी के आरोप में स्विट्जरलैंड पुलिस ने बुधवार को बैंक के जेनेवा ऑफिस पर छापा मारा. अभियोजन अधिकारी ने कहा कि धन की हेराफेरी के आरोपों से संबंधित जांच के तहत यह छापा मारा गया है. अधिकारी ने कहा कि एटॉर्नी जनरल आलिवियर जरनॉट और अभियोजनकर्ता यवेस बटरेसा की निगरानी में बैंक परिसर की तलाशी की गई.
बयान में कहा गया है कि तलाशी के दायरे में उन लोगों को भी शामिल किया जा सकता है, जिन पर धन की हेराफेरी में शामिल रहने का शक होगा. बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी फ्रांको बोरा ने पिछले हफ्ते कहा था कि उन्होंने उन ग्राहकों का खाता बंद कर दिया है, जो उनके मानक पर खरे नहीं उतरते थे.
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब स्विस निजी बैंक ने किसी तरह से धनी लोगों को कर चोरी करने में मदद की है. तकरीबन एक हफ्ते से पहले अमेरिका के खोजी पत्रकारों के एक समूह से जुड़े कुछ समाचार पत्रों ने इससे जुड़ी जानकारी प्रकाशित की थी.
एक अंग्रेजी अखबार ने 1000 से ज्यादा नाम प्रकाशित किए थे, जिसमें नेता और कारोबारी भी शामिल थे. हालांकि विभिन्न देशों में कर चोरी करने वाले ऐसे लोगों की संख्या एक लाख से अधिक थी.
एचएसबीसी से संबंधित मामला पहली बार 2008 में सामने आया था. बैंक का एक पूर्व कंप्यूटर टैक्नीशियन हर्व फल्सियानी ने कुछ दस्तावेज चुरा कर इन गतिविधियों को पेश किया था. जिसमें भारत को भी 600 से ज्यादा ग्राहकों की सूचनाएं मिली थी, जिनके बारे में सर्वोच्च न्यायालय की टीम (एसआईटी) जांच कर रही है. एचएसबीसी का कहना है कि तब से उसके संचालन में काफी बदलाव किया गया है.
2000 में एचएसबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बने स्टुअर्ट गुलिवर ने दुख व्यक्त करते हुए कहा था कि बैंक अब ऐसे ग्राहकों के साथ कारोबार नहीं करना चाहता है, जो कर चुराना चाहते हैं.
हालांकि अमेरिका, फ्रांस, बेल्जियम और अर्जेटाइना में बैंक पर आपराधिक प्रक्रिया चल रही है. जबकि ब्रिटेन में जहां एचएसबीसी का मुख्यालय है वहां पर आपराधिक प्रक्रिया नहीं चल रही है.
-इनपुट IANS