सीरिया के अलेप्पो में पिछले चार साल से चल रही विद्रोहियों और सरकार के बीच चल रही लड़ाई अब खत्म होने की कगार पर है. विद्रोही धीरे-धीरे अब अलेप्पो से भाग रहे है तो वहीं सेना ने अधिकतर स्थानों को अपने कब्जे में ले लिया है. सीरियाई सेना का कहना है कि हमारा संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक अलेप्पो को पूरी तरह से मुक्त नहीं कराया जाता. हालांकि सेना की ओर से जारी भारी बमबारी के बीच आम नागरिक भी फंसे हुए हैं.
हालांकि राष्ट्रपति बशर अल-असद पर शिया लड़ाकों का साथ के विपक्ष के आरोपों के कारण विद्रोहियों की निकासी में गुरूवार तक के लिए देरी आ सकती है, हालांकि लोगों को निकालने के लिए लगातार बसों का इंतजाम किया जा रहा है.
अलेप्पो को विद्रोहियों का गढ़ माना जाता था, जिसे अब सीरिया की सेना ने गठबंधन सेना के साथ मिलकर ढहा दिया है. रूसी और सीरिया के विमानों ने यहां पर जबरदस्त बमबारी की थी यह बमबारी सोमवार रात तक भी जारी रही. अपनी इस बड़ी कामयाबी के जश्न में सीरियाई सेना ने जमकर हवा में फायरिंग की जिसके बाद इंटरनेशनल कमेटी फॉर रेड क्रॉस ने एक ईमेल के जरिए जारी किए बयान में सभी लोगों के सुरक्षित होने की जानकारी दी.
रुस के साथ तुर्की अलेप्पो में विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके में नागरिको और विद्रोहियों को निकालने की बात कर रहा है. बुधवार को दोनों देश के अधिकारी संघर्ष विराम पर बात करेंगे.
गौरतलब है कि साल 2012 से ही पूर्वी अलेप्पो पर विद्रोहियों और पश्चिमी अलेप्पो पर सरकार का नियंत्रण है. हालांकि अब सरकार समर्थित सेना ने घोषणा कर दी है कि अलेप्पो में लड़ाई अपने आखिरी चरण में है और जल्द ही सेना पूर्वी अलेप्पो पर भी कब्जा कर लेगी. एक ऑब्जरवेटरी के मुताबिक नवंबर से लेकर अब तक पूर्वी अलेप्पो में हो रही फायरिंग और हवाई हमलों में कम से कम 463 लोगों की जान जा चुकी है जिनमें 62 बच्चे हैं. वहीं विद्रोहियों द्वारा पश्चिमी अलेप्पो में की गई रॉकेट फायरिंग में 130 लोगों की जान गई जिनमें 40 बच्चे थे.