एक अमेरिकी प्रहरी संस्था ने सीरिया को पत्रकारों के लिए विश्व में सबसे खतरनाक देश बताया है. पत्रकारों की अनसुलझी हत्याओं के आधार पर तैयार किए जाने वाले अपने सालाना दंडाभाव सूचकांक में इसका उल्लेख किया है.
दंडाभाव सूचकांक में पत्रकारों की हत्या के अनसुलझे मामलों को देश की कुल जनसंख्या के अनुपात के प्रतिशत के रूप में देखा जाता है. न्यूयॉर्क आधारित कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) के अनुसार युद्ध से जर्जर सीरिया में कार्यरत पत्रकारों के लिए हाल में सबसे बड़ा खतरा लक्षित हत्याओं की बढ़ती संख्या है.
सीपीजे ने कहा कि अपहरणों की संख्या में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी और गोलीबारी तथा संघर्ष में मरने वालों की संख्या में इजाफा वैसे ही सीरिया को पत्रकारों के लिए विश्व में सबसे ज्यादा खतरनाक देश बनाता है. सूचकांक में इराक पत्रकारों की हत्या को सुलझाने में नाकाम रहने के कारण अब भी सबसे ऊपर बना हुआ है.
निगरानी संस्था के अनुसार दूसरे स्थान पर सोमालिया और फिलीपीन तीसरे स्थान पर है. सीपीजे के अनुसार सर्वेक्षण के प्रारंभ होने के बाद से इराक में 2012 ऐसा पहला साल था जब अपने काम के दौरान पत्रकारों के मरने का कोई मामला सामने नहीं आया, लेकिन 2013 में 10 पत्रकारों की मौत हुई जिसमें से 9 हत्याएं थीं.
सोमालिया में भी 2013 में चार पत्रकारों की हत्या हुई. जिन देशों में पांच या उससे ज्यादा अनसुलझे मामले होते हैं उन्हीं को सूचकांक में शामिल किया जाता है. इस वर्ष 13 देश इस सूची में हैं जबकि पिछले साल 12 ही थे. निगरानी संस्था के मुताबिक पीडि़तों में 96 प्रतिशत स्थानीय रिपोर्टर होते हैं, जो वहां पर राजनीति, युद्ध अथवा भ्रष्टाचार की रिर्पोटिंग करते हैं.