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सुन्नी बहुल सीरिया में चौथी बार राष्ट्रपति चुने गए शिया नेता बशर अल असद, मिले 95% वोट

बशर अल-असद लगातार चौथी बार सीरिया के राष्ट्रपति चुने गए हैं. पहली बार 2000 में पिता हाफेज अल-असद की मौत के बाद बशर सत्ता में आए थे. इस बार उन्हें 95% वोट मिले हैं जो पिछले चुनाव से 6% ज्यादा हैं.

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बशर अल असद चौथी बार सीरिया के राष्ट्रपति चुने गए (फोटो- पीटीआई)
बशर अल असद चौथी बार सीरिया के राष्ट्रपति चुने गए (फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सीरिया की सत्ता पर चौथी बार बशर
  • 2000 में पहली बार बने थे राष्ट्रपति
  • पिता ने 30 साल किया था राज

बशर अल-असद लगातार चौथी बार सीरिया के राष्ट्रपति चुने गए हैं. हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में उन्हें 95% से ज्यादा वोट हासिल हुए हैं. शुरुआत से ही चुनावों में बशर अल-असद की जीत तय मानी जा रही थी. इसीलिए राष्ट्रपति चुनाव को बशर के विरोधी और पश्चिमी देशों ने 'ढोंग' बताया था.

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सीरिया पिछले 10 साल से गृहयुद्ध से जूझ रहा है. इस लड़ाई में सैकड़ों-हजारों लोग मारे जा चुके हैं और आधी आबादी यानी 1 करोड़ से ज्यादा लोग घर छोड़ चुके हैं. ऐसे हालातों में भी राष्ट्रपति चुनाव होने पर सीरिया सरकार का दावा है कि देश सामान्य रूप से चल रहा है.

सीरियाई संसद के प्रमुख हमौदा सब्बाग ने बताया कि इस बार चुनावों में 78% वोटिंग हुई थी. बशर अल-असद को इन चुनावों में 1.35 करोड़ यानी 95.1% वोट मिले हैं.

इस जीत के साथ ही बशर अल-असद को सीरिया की सत्ता 7 साल के लिए और मिल गई है. बशर अल-असद का परिवार पिछले 6 दशकों से सीरिया की सत्ता पर राज कर रहा है. उनके पिता हाफेज अल-असद ने तीन दशकों तक राज किया. 2000 में पिता की मौत के बाद बशर सीरिया के राष्ट्रपति बने. उस समय जनमत संग्रह कराया गया था जिसमें उन्हें 97% वोट मिले थे. उसके बाद 2007 में भी जनमत संग्रह में उन्हें 97% वोट मिले और वो दूसरी बार राष्ट्रपति चुने गए. 2014 के चुनावों में बशर को 89% वोट मिले थे.

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लगातार चौथी जीत के बाद बशर ने फेसबुक पर लिखा, "सभी सीरियाई लोगों को उनकी राष्ट्रवादी भावना और उनकी भागीदारी के लिए धन्यवाद. सीरियाई बच्चों और युवाओं के भविष्य के लिए आइए कल से एक अभियान शुरू करें और सीरिया का निर्माण करें."

कौन हैं बशर अल-असद?
11 सितंबर 1965 को जन्मे बशर अल-असद अपने पिता हाफेज अल-असद की दूसरे बेटे हैं. बशर की राजनीति में रूचि नहीं थी लेकिन अपने बड़े भाई की मौत के बाद उन्हें राजनीति में आने पड़ा. 

बशर ने 1988 में सीरिया की दमिश्क यूनिवर्सिटी से ऑप्थेल्मोलॉजी (आंखों की सर्जरी) की पढ़ाई की. आगे की पढ़ाई के लिए वो लंदन चले गए. 1994 में एक सड़क हादसे में उनके बड़े भाई की मौत हो गई. उन्हें उनके पिता ने वापस बुला लिया. 

1994 में बशर एक टैंक बटालियन कमांडर बने. उसके बाद 1997 में लेफ्टिनेंट कर्नल बने और फिर 1999 में कर्नल बन गए. 10 जून 2000 को उनके पिता हाफेज अल-असद की मौत हो गई. इसके बाद महज 35 साल की उम्र में ही बशर सीरिया के राष्ट्रपति बन गए. 

सीरिया की सत्ता पर असद परिवार का अच्छा-खासा दबदबा है. 2011 की अरब क्रांति भी उनकी कुर्सी नहीं हिला सकी थी. ये उनकी ताकत का ही नतीजा है कि 74 फीसदी सुन्नी मुसलमान आबादी वाले सीरिया में 10 फीसदी से भी कम आबादी वाले शिया समुदाय के बशर अल-असद निरंतर राज कर रहे हैं.  

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