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सीरिया में हमले से तीसरे विश्वयुद्ध की आहट! दो हिस्सों में बंटी दुनिया

सीरिया में केमिकल अटैक के बाद अमेरिका की ओर से सीरियाई सुरक्षा बलों के ठिकानों पर 60 क्रूज मिसाइलें दागी जाने के बाद से दुनिया भर में तनाव गहरा गया है. सीरिया सरकार, रूस, ईरान और चीन ने अमेरिका के हमले की कड़ी आलोचना की है, जबकि जर्मनी, फ्रांस, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, इजराइल और तुर्की ने डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

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सीरिया में केमिकल अटैक के बाद अमेरिका की ओर से सीरियाई सुरक्षा बलों के ठिकानों पर 60 क्रूज मिसाइलें दागी जाने के बाद से दुनिया भर में तनाव गहरा गया है. सीरिया सरकार, रूस, ईरान और चीन ने अमेरिका के हमले की कड़ी आलोचना की है, जबकि जर्मनी, फ्रांस, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, इजराइल और तुर्की ने डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया है. अब सीरिया संघर्ष तृतीय विश्वयुद्ध में तब्दील होता नजर आ रहा है. अभी तक सीरिया में अमेरिकी हमले में 6 लोगों की मौत की खबर है. इसके अलावा सीरियाई हवाई ठिकाने और ईंधन भंडार स्थल नष्ट हो गए हैं.

सबसे बड़ी बात यह है कि अमेरिका सीरिया के जिस इलाके में हमले कर रहा है, वहां पर सीरियाई सुरक्षा बलों के साथ रूसी सेना भी मौजूद है. ऐसे में रूसी सुरक्षा बलों के हताहत होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. हालांकि पेंटागन का कहना है कि अमेरिकी सेना रूसी और सीरियाई सुरक्षा बलों को लेकर सतर्कता बरत रही है. अमेरिका की कोशिश है कि इस हमले में इलाके में मौजूद रूसी और सीरियाई सुरक्षाकर्मियों को कम से कम नुकसान पहुंचे. वहीं, असद ने भी अमेरिकी हवाई हमले की निंदा की है.

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दो महाशक्तियों में टकराव बन सकती है विश्वयुद्ध की वजह
सीरिया मसले को लेकर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के समय से रूस और अमेरिका के बीच तनाव चला आ रहा है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि सीरिया मसले को वह प्राथमिकता नहीं देंगे. हालांकि केमिकल अटैक के बाद जिस तरह से ट्रंप ने मिसाइल हमले का आदेश दिया है, उससे रूस बुरी तरह खफा हो गया है.

डोनाल्ड ट्रंप की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नजदीकी होने के बाद यह कहा जा रहा था कि अब दोनों देशों के रिश्ते बेहतर होंगे, लेकिन सीरिया में केमिकल अटैक के बाद यह उम्मीद खत्म हो गई है. अमेरिकी विदेश मंत्री जल्द ही रूस के दौरे में जाने वाले थे, लेकिन अब इसमें भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. ऐसे में कहीं दो महाशक्तियों के बीच टकराव विश्वयुद्ध की वजह न बन जाए.

 

ट्रंप की खिलाफत में खुलकर सामने आए पुतिन
रूस लगातार सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद का समर्थन कर रहा है. अमेरिका शुरू से ही असद को सीरिया की सत्ता से बेदखल करने के पक्ष में है, जबकि रूस असद का समर्थन कर रहा है. वह असद की ओर से सीरियाई विद्रोहियों और आईएस आतंकियों पर लगातार हवाई हमले कर रहा है. रूस अपने रुख को तनिक भी बदलना नहीं चाहता है.

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अब हालात यह हो गए हैं कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन सीरियाई सुरक्षा बलों के ठिकाने पर अमेरिकी हमले को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की खुलकर खिलाफत की है. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने सीरिया पर हमला करके अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया है. इतना ही नहीं, पुतिन ने तो यहां तक कह दिया कि इस हमले से रूस और अमेरिका के रिश्ते बिगड़ चुके हैं और अब रूस अमेरिका की मदद नहीं करेगा. शुक्रवार को रूसी विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव ने भी कहा कि अमेरिकी मिसाइल हमले के बाद अब दोनों देशों के रिश्ते नहीं सुधरेंगे.

 

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सबसे बड़ी आपदा
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को संबोधित करते हुए यूएन मानवाधिकार प्रमुख जीद राद अल-हुसैन ने सीरिया संघर्ष को द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सबसे बड़ी मानव निर्मित आपदा करार दिया. उन्होंने कहा कि छह साल से जारी इस संघर्ष में कई लाख लोगों की जान चली गई, जबकि कई लाख लोग बेघर हो गए. उन्होंने बताया कि सीरिया से पलायन करने के दौरान भारी संख्या में लोग समुद्र में डूबकर मौत के आगोश में समा गए.

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