तुर्की के शिक्षा मंत्रालय ने उत्तरी सीरिया में कुछ किताबें वितरित कराईं तो बवाल मच गया. दरअसल, इन धार्मिक पाठ्यपुस्तकों को लेकर कहा जा रहा है कि इनमें पैगंबर मोहम्मद का चित्रण किया गया है. सीरिया में जिस क्षेत्र में इन किताबों को वितरित किया गया, वे इन किताबों में पैगंबर मोहम्मद की तस्वीर देख आग-बबूला हो गए और यहां रहने वाले कुछ निवासियों ने इन किताबों को जला दिया है.
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, कुरान में पैगंबर मोहम्मद के चित्रण पर स्पष्ट रूप से प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, लेकिन कई मुसलमान ऐसे चित्रण को ईशनिंदा के तौर पर ही देखते हैं. फ्रांस में कुछ साल पहले एक प्रोफेसर को एक कट्टरपंथी ने इसलिए मार डाला था क्योंकि उसने मशहूर फ्रेंच मैगजीन शार्ली हेब्डो का पैगंबर पर बना कार्टून अपनी क्लास में दिखाया था.
इस धार्मिक पुस्तक को तुर्की के शिक्षा मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया है. ये किताब खासतौर पर सीरिया के कुछ हिस्सों में रहने वाले बच्चों के लिए तैयार की गई थी. इस धार्मिक पुस्तक में कुछ ऐसी तस्वीरें थीं जिन्हें क्षेत्र के निवासी ईशनिंदा के तौर पर देख रहे हैं.
इस किताब की एक तस्वीर में एक दाढ़ी वाला शख्स, पिंक स्वेटर और पैंट्स पहने हुए है. ये शख्स झुकते हुए अपनी बेटी को उठाता है और उसे स्कूल बस में चढ़ाने की कोशिश करता है. इस पेज का टाइटल है- पैगंबर मोहम्मद अपनी बेटी फातिमा के साथ. रिपोर्ट्स के अनुसार, ये अब तक पूरी तरह से साफ नहीं हो पाया है कि ये हेडलाइन तस्वीर के लिए ही थी या फिर किताब के पेज पर लिखे गए कंटेट के लिए इस टाइटल को लिखा गया है.
कुछ सोशल मीडिया फुटेज के अनुसार, तुर्की के बॉर्डर के पास जाराब्लस में रहने वाले निवासियों ने इस किताब की सभी प्रतियों को जला दिया है. इसके अलावा, एएफपी के साथ बातचीत में जाराब्लस के निवासी मुस्तफा अब्दुल हक ने कहा कि हम सुबह इन किताबों को देखकर हैरान थे जिनमें पैगंबर मोहम्मद की तस्वीरें मौजूद थीं. हमने सारी किताबें जला दी हैं.
'किताबें वापस नहीं हुई तो होगा विरोध प्रदर्शन'
गौरतलब है कि अल-बाब शहर सहित तुर्की द्वारा नियंत्रित सीरिया के अन्य क्षेत्रों में, निवासियों ने चेतावनी दी कि यदि पाठ्यपुस्तकों को वापस नहीं लिया गया तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे. बता दें कि साल 2016 के बाद से शुरू किए गए कई सैन्य अभियानों के चलते तुर्की और उसके सहयोगियों ने सीरिया के अंदर कई क्षेत्रों पर नियंत्रण कर लिया है. इन क्षेत्रों में, तुर्की की लीरा मुख्य मुद्रा बन गई है और यहां तुर्की भाषा सिखाने वाले अस्पतालों, डाकघरों और स्कूलों को भी स्थापित किया गया है.
अल-बाब में शीर्ष शिक्षा अधिकारी ने कहा कि स्कूल की किताबें आस-पास के तुर्की प्रांतों द्वारा प्रदान की जाती हैं. पाठ्यपुस्तकों के कारण फैले आक्रोश पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि 'पाठ्यक्रम में संशोधन के लिए तुर्की के एक प्रांत के शिक्षा निदेशालय के साथ बातचीत चल रही है और फिलहाल हम निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं.'