आतंकवादी डेविड हेडली के सहयोगी तहव्वुर राणा को पाकिस्तानी स्थित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा को साजो-सामान मुहैया कराने और डेनमार्क के अखबार पर हमले के लिए षड्यंत्र में शामिल होने के जुर्म में 14 साल की सजा सुनाई गई है. इसके बाद वह रिहा होने के पश्चात पांच साल निगरानी में रहेगा.
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक 52 वर्षीय राणा को शिकागो की संघीय अदालत ने सजा सुनाई, हालांकि उसके वकीलों की मांग थी कि उसकी खराब सेहत को देखते हुए अधिकतम नौ साल की सजा सुनाई जाए. अमेरिकी अभियोजकों ने राणा के लिए 30 वर्ष कैद की सजा की मांग की थी.
राणा के वकील दावा करते हैं कि उसके स्कूल के दोस्त हेडली ने उसे अपने गुनाह में भागीदार बनाया. राणा को एक संघीय ग्रांड ज्यूरी ने जून 2011 में दोषी ठहराया था. ज्यूरी ने उसे लश्कर ए तैयबा को साजो सामान मुहैया कराने और डेनमार्क के अखबार जाईलैंड्स पोस्टेन पर बम से हमला करने की साजिश रचने का दोषी पाया था.
मुंबई हमले में शामिल होने के लिए राणा को 2009 में गिरफ्तार किया गया था और उसे इन आरोपों से बरी कर दिया गया था. बहरहाल भारतीय जांचकर्ताओं ने उस पर मुंबई हमले में शामिल होने का आरोप लगाया है. इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे.
भारतीय जांचकर्ता दूसरी बार उससे पूछताछ करने की मांग कर रहे हैं. लश्कर ए तैयबा के लिए निशाने की टोह लेने वाले हेडली ने एफबीआई से समझौता किया जिससे वह संभावित मौत की सजा से बच गया. अमेरिका के कार्यवाहक अटॉर्नी गैरी एस. शेपिरो ने शिकागो की अदालत से आग्रह किया था राणा को 30 वर्ष कैद की सजा दी जाए.
हालांकि राणा के वकील पैट्रिक डब्ल्यू ब्लेगन ने उसके खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अदालत से हल्की सजा देने की अपील की. जून 2012 में राणा को दिल का दौरा पड़ा था और उसके बाद अस्पताल में भर्ती कराए जाने का जिक्र करते हुए ब्लेगन ने कहा कि राणा का स्वास्थ्य काफी खराब है और न्यायाधीश से अपील की कि सजा सुनाते वक्त इसका ख्याल रखा जाए.
ब्लेगन ने हाल में अदालत से कहा, ‘ऐसा संभव है कि उसका स्वास्थ्य और खराब होने लगे. किडनी में बीमारी के कारण उसे डायलिसिस की आवश्यकता पड़ सकती है.’