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अब आमने-सामने की टक्कर! चीन के 27 लड़ाकू विमान गरजे, ताइवान का मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी एक्टिव

Taiwan Vs China: ताइवान और चीन के बीच में तकरार बढ़ती जा रही है. अमेरिका के आने की वजह से ये तनाव और ज्यादा बढ़ गया है. अब इस तनाव के बीच चीन के 27 लड़ाकू विमान ताइवान के एयर डिफेंस एरिया में देखे गए हैं.

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चीन ने ताइवान में भेजे 27 फाइटर जेट (सांकेतिक)
चीन ने ताइवान में भेजे 27 फाइटर जेट (सांकेतिक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चीन बोला- हस्ताक्षेप की वजह से होंगे गंभीर परिणाम
  • अमेरिका ने दी ताइवान को सुरक्षा की गारंटी

ताइवान और चीन के बीच में तनाव बढ़ता जा रहा है. खबर है कि चीन के 27 लड़ाकू विमान ताइवान के एयर डिफेंस एरिया में देखे गए हैं. उन विमानों के वहां आने से ताइवान की सरकार भी तुरंत एक्शन में आई और उनकी तरफ से भी कुछ लड़ाकू विमान रवाना कर दिए गए.

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चीन के जो लड़ाकू विमान देखे गए हैं, उसमें 5 J-16, 16 SU-30 फाइटर जैट शामिल हैं. ताइवान की सरकार के मुताबिक खतरे को देखते हुए तुरंत एयर मिसाइल डिफेंस एक्टिवेट कर दिया गया है और उनके खुद के लड़ाकू विमान भी मौके पर भेजे गए हैं. पिछले कुछ दिनों से लगातार ताइवान में हलचल देखने को मिल रही है. जब से अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान दौरे पर आई थीं, चीन की तरफ से धमकियों का दौर शुरू हो गया था. अब उन धमकियों के बाद फाइटर जैट्स के जरिए भी डराने का काम हो रहा है.

चीन का धमकी देने का दौर शुरू

अभी के लिए युद्ध की परिस्थिति से बचने का प्रयास जरूर है, लेकिन चीन की तरफ से अमेरिका और ताइवान दोनों को चेतावनी दी जा रही है. लगातार कहा जा रहा है कि ऐसे हस्ताक्षेप गंभीर परिणामम लेकर आएंगे. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका का यह रुख आग से खेलने जैसा है. यह बहुत ही खतरनाक है. जो आग से खेलेंगे, वे खुद जलेंगे. इस सब के अलावा चीन मिलिट्री अभ्यास के अपने वीडियो भी वायरल करवा रहा है. जो रणनीति डोकलाम विवाद के समय भारत के साथ रखी गई थी, उसी तर्ज पर ताइवान को भी डराया जा रहा है. लेकिन इस बार क्योंकि ताइवान को अमेरिका का पूरा समर्थन मिल रहा है, ऐसे में चीन की धमकियों के बावजूद भी झुकने के बजाय जवाबी कार्रवाई पर जोर दिया जा रहा है.

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अमेरिका की भूमिका पर सवाल

वैसे इस पूरे विवाद में अमेरिका की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं. कहने को अभी अमेरिका, ताइवान के साथ खड़ा नजर आ रहा है, दावा भी कर रहा है कि उसकी रक्षा की जाएगी. लेकिन कुछ महीने पहले ऐसा ही एक आश्वासन उसकी तरफ से यूक्रेन को भी दिया गया था. युद्ध शुरू होने से पहले रूस के खिलाफ यूक्रेन को भड़काया गया था, लेकिन जब असल में मदद की जरूरत पड़ी तो अमेरिका ने पाबंदियां लगाने के अलावा कोई बड़ा ठोस कदम नहीं उठाया. ऐसे में अब जब चीन और ताइवान के बीच में तनातनी बढ़ी है, अमेरिका के आश्वासन जमीन पर समीकरण बदल सकते हैं.

 

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