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ताइवान की चीन से युद्ध की तैयारी? अमेरिकी स्पीकर के दौरे से पहले अलर्ट मोड पर आर्मी

अमेरिका और चीन के बीच पिछले कुछ दिनों से नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर तनाव बढ़ा है. चीन लगातार अमेरिका से ताइवान यात्रा का विरोध कर रहा है. पिछले हफ्ते चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को फोन पर चेतावनी दी थी और यहां तक कह दिया था कि 'जो आग से खेलेगा, वो खुद जलेगा.'

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ताइवान के ताइचुंग में सैन्य अभ्यास के तौर पर आर्मी सड़क पर M60 टैंक के साथ देखी गई. (फोटो- Reuters)
ताइवान के ताइचुंग में सैन्य अभ्यास के तौर पर आर्मी सड़क पर M60 टैंक के साथ देखी गई. (फोटो- Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अमेरिका ने भी चीन की हेकड़ी दरकिनार की
  • आज ताइवान दौरे पर US स्पीकर नैंसी पेलोसी

आखिरकार अमेरिका ने चीन की हेकड़ी को दरकिनार कर दिया है. US कांग्रेस (संसद) के निचले सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी आज ताइवन के दौरे पर पहुंच रही हैं. नैंसी के दौरे को देखते हुए सुरक्षाबल से जुड़े अफसर अलर्ट मोड पर आ गए हैं. ताइवान में तो सेना युद्ध के हालात से भी निपटने की तैयारी में है. यही वजह है कि अफसरों को खास निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही बड़े अफसरों और सैनिकों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं.

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बता दें कि अमेरिका और चीन के बीच पिछले कुछ दिनों से नैंसी की ताइवान यात्रा को लेकर तनाव बढ़ा है. चीन लगातार अमेरिका से ताइवान मसले पर हस्तक्षेप का विरोध कर रहा है. इतना ही नहीं, पिछले हफ्ते चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने खुलेआम अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को फोन पर चेतावनी दी थी और यहां तक कह दिया था कि  'जो आग से खेलेगा, वो खुद जलेगा.'

ताइवान ने सेना की छुट्टियां रद्द की 

ताइवान ने कथित तौर पर अपने सशस्त्र बलों को हाई अलर्ट पर रखा है. वह खुलकर चीन का विरोध कर रहा है. कहा जा रहा है कि ताइवन, चीन के साथ 'युद्ध की तैयारी' कर रहा है. ताइवान की न्यूज आउटलेट्स के अनुसार, सेना ने उच्च स्तरीय ब्रीफिंग के बाद एयर डिफेंस फोर्स को 'तत्काल युद्ध' की तैयारी के मोड पर रखा है.

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हम चुप्पी साधकर नहीं बैठेंगे: चीन

बताते चलें कि ताइवान खुद को अलग देश मानता है. जबकि चीन इसे अपना हिस्सा मानता है. इसके लिए वह बार-बार 'गंभीर परिणाम' की चेतावनी देता है. न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा- 'जो लोग आग से खेलते हैं, वे इससे नष्ट हो जाते हैं. हम एक बार फिर अमेरिका को चेतावनी देना चाहेंगे कि हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) कभी भी चुप्पी साधकर नहीं बैठेगी. 

दरअसल, अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी चार एशियाई देश सिंगापुर, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, जापान के दौरे पर पहुंच रही हैं. उनका ये दौरा सोमवार से शुरू हो गया है. हालांकि, रविवार को जारी कार्यक्रम में नैंसी की ताइवान यात्रा को शामिल नहीं किया गया था. स्थानीय मीडिया का कहना है कि पेलोसी मंगलवार की रात ताइवान पहुंचेंगी. यहां उनका सरकार की तरफ से स्वागत किया जाएगा. नैंसी के ताइवान पहुंचते ही दुनिया के बीच एक बड़ा संदेश जाना तय है. इसके साथ ही 25 साल बाद (साल 1997) शीर्ष अमेरिकी राजनेता ताइवान की ताइवान यात्रा होने का रिकॉर्ड बन जाएगा.

अमेरिकी सेना का हेलिकॉप्टर भी अलर्ट

इस बीच, एक और अमेरिकी एयरफोर्स यात्री जेट अलास्का से पूर्वी एशिया की ओर उड़ान भर रहा है. दिलचस्प बात यह है कि इसका कॉल साइन SPAR20 है. वहीं, नैंसी पेलोसी का कॉल साइन SPAR19 है. दोनों जेट बोइंग सी-40सी हैं.

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चीन इस यात्रा को हस्तक्षेप के रूप में देख रहा

चीन, अमेरिका के संपर्क बढ़ाने के कदम को ताइवान की दशकों पुरानी वास्तविक स्वतंत्रता को स्थायी बनाने के दिशा के रूप में देख रहा है. जबकि अमेरिकी नेताओं का कहना है कि वे इसका समर्थन नहीं करते हैं. अमेरिकी प्रशासन ने इस संबंध में बीजिंग (चीन) को आश्वासन भी दिया था. अमेरिका ने कहा था कि यदि ऐसी यात्रा होती है तो ये ताइवान पर अमेरिकी नीति में कोई बदलाव नहीं होने का संकेत देगी.

1949 में अलग हो गए थे चीन और ताइवान 

गौरतलब है कि 1949 में कम्युनिस्टों द्वारा मुख्य भूमि पर गृह युद्ध जीतने के बाद ताइवान और चीन अलग हो गए थे. दोनों पक्ष कहते हैं कि वे एक देश हैं, लेकिन इस बात से असहमत हैं कि किस सरकार को राष्ट्रीय नेतृत्व का अधिकार है. दोनों के बीच कोई आधिकारिक संबंध नहीं हैं. हालांकि, दोनों देश अरबों डॉलर के व्यापार और निवेश से जुड़े हुए हैं.

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