चीन की ओर से ताइवान के पास अपनी सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी गई हैं. दोनों देशों के बीच का तनाव लगातार बढ़ रहा है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि चीन के 13 फाइटर जेट ताइवान जलडमरूमध्य (स्ट्रेट) में घुस आए और मध्य रेखा को पार कर लिया.
ताइवान को डराने के लिए चीन लगभग एक पखवाड़े से ताइवान स्ट्रेट में सैन्य अभ्यास कर रहा है. वहीं ताइवान ने भी चीन का डटकर मुकाबला करने के लिए अपने एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम को एक्टिव किया हुआ है. दोनों देशों के बीच आधिपत्य का विवाद तो काफी पुराना है, लेकिन नया तनाव अमेरिका की हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के साथ शुरू हुआ है. नैंसी पेलोसी बीते 25 साल में अमेरिका की पहली बड़ी नेता हैं जिन्होंने ताइवान की यात्रा की है. चीन ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है और अमेरिका के साथ भी उसके रिश्ते तल्ख हुए हैं. चीन ने इसके परिणाम भुगतने की भी चेतावनी दी है. चीन अपनी वन नेशन पॉलिसी के तहत ताइवान को अपना हिस्सा बताता रहा है.
पिछले रविवार को भी ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया था कि उसकी सीमा के आसपास चीन के 14 युद्ध पोत और 66 एयरक्राफ्ट्स की पहचान की गई. ताइवान के आसपास चीन की ओर से सैन्य गतिविधियां हाल-फिलहाल में और बढ़ीं हैं.
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति के उप सहायक Kurt Campbell ने चीन को दो टूक कहा है कि उसकी वर्तमान गतिविधियां शांति और स्थिरता के विपरीत दिखाई देती हैं. जारी बयान में कहा गया है कि चीन के तमाम एक्शन असल में शांति और स्थिरता के उदेश्यों को कमजोर करते हैं. ये सब कुछ सिर्फ ताइवान पर दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है. हमें लगता है कि ये तनाव आने वाले कुछ महीनों तक चल सकता है. चीन का उदेश्य स्पष्ट दिख रहा है- वो ताइवान को सिर्फ डरा रहा है, कोई कदम उठाने के लिए मजबूर करने की कोशिश कर रहा है.
वहीं ऑस्ट्रेलिया में चीन के राजदूत ने कैनबरा को ताइवान पर बीजिंग के रुख को गंभीरता से लेने की चेतावनी देते हुए कहा है कि वह द्वीप को उसी तरह मानता है, जैसे ऑस्ट्रेलिया अपने अपतटीय राज्य तस्मानिया को मानता है.