अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान कायम हो चुका है. राष्ट्रपति अशरफ गनी अपने समर्थकों के साथ देश छोड़कर भाग चुके हैं. आधिकारिक तौर पर भले ही अभी तक अफगानिस्तान में कोई सरकार न हो लेकिन अफगानिस्तान के पहले और पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने दावा किया है कि राष्ट्रपति अशरफ गनी की गैरमौजूदगी में वे देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति हैं.
अमरुल्ला सालेह ने इस ऐलान के पीछे संवैधानिक हवाला भी दिया है. उन्होंने कहा है कि अफगानिस्तान के संविधान के मुताबिक अगर राष्ट्रपति की अनुपस्थिति, पलायन या इस्तीफे की वजह से देश में राष्ट्रपति नहीं हैं तो पूर्व उपराष्ट्रपति, कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाता है.
उन्होंने ट्वीट किया, 'अफगानिस्तान के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रपति की अनुपस्थिति, इस्तीफे, मृत्यु, या पलायन की दिशा में पूर्व उपराष्ट्रपति, कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाता है. मैं फिलहाल अपने देश के अंदर हूं इसलिए कार्यवाहक राष्ट्रपति हूं. मैं सभी नेताओं से समर्थन और आम सहमति लेने की कोशिशों में जुटा हूं.'
तालिबान के सामने झुकने से किया था इनकार
रविवार को अमरुल्ला सालेह ने कहा था कि वह किसी भी हाल में तालिबान के सामने नहीं झुकेंगे. उनके बयानों को भी तलिबान के लिए चुनौती समझा जा रहा है. एक ट्वीट के जरिए उन्होंने कहा था कि वे तालिबान के सामने किसी भी कीमत पर झुकेंगे नहीं.
'एक छत के नीचे नहीं रहूंगा'
उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं कभी भी और किसी भी परिस्थिति में तालिबानी आतंकियों के सामने नहीं झुकूंगा. मैं अपने नायक अहमद शाह मसूद, की विरासत के साथ विश्वासघात नहीं करूंगा. मैं, मेरी बात सुनने वाले लाखों लोगों को निराश नहीं करूंगा. मैं तालिबान के साथ कभी भी एक छत के नीचे नहीं रहूंगा.'
अफगानिस्तान छोड़कर भाग चुके हैं राष्ट्रपति अशरफ गनी
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर अपने करीबियों के साथ भाग चुके हैं. जब रविवार को तालिबानी लड़ाकों ने काबुल पर कब्जा किया, उससे पहले वे देश छोड़कर चले गए. उन्होंने सोमवार को एक ट्वीट के जरिए कहा था कि उन्होंने रक्तपात से बचने के लिए देश छोड़ा है. हालांकि यह अब तक साफ नहीं हो सका है कि अशरफ गनी किस देश में मौजूद हैं.