अफगानिस्तान में नई तालिबान सरकार (Taliban Government) शपथ ग्रहण समारोह (Oath Ceremony Cancel) का आयोजन नहीं करेगी. तालिबान (Taliban) ने ऐसे आयोजनों को पैसों और संसाधनों की बर्बादी (Waste) बताया है. अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल पर 15 अगस्त को कब्जा करने के बाद हाल ही में तालिबान की केयरटेकर सरकार का गठन किया गया था. मुल्ला हसन अखुंद को प्रधानमंत्री बनाया गया है, जबकि मुल्ला अब्दुल गनी बरादर दो डिप्टी पीएम में से एक होंगे. बरादर के अलावा, मुल्ला अबदस सलाम को भी डिप्टी पीएम का पद दिया गया है.
तालिबान ने रद्द किया शपथ ग्रहण समारोह
नई सरकार के मंत्रियों की सूची जारी होने के बाद माना जा रहा था कि जल्द ही तालिबान सरकार का शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हो सकता है. इसमें चीन, पाकिस्तान, रूस समेत छह देशों को बुलाने की भी संभावनाएं जताई जा रही थीं, लेकिन इस आयोजन को पैसों और संसाधनों की बर्बादी बताते हुए तालिबान ने रद्द कर दिया है.
वहीं, कुछ रिपोर्ट्स ऐसी भी थीं कि तालिबान 11 सितंबर को शपथ ग्रहण समारोह रखने जा रहा था, इसी दिन अमेरिका में 20 साल पहले 9/11 का आतंकी हमला हुआ था, जिसकी आज बरसी मनाई जा रही है. इसके चलते तालिबान ने पहले इसे किसी और दिन के लिए टाल दिया था. ये कहा जा रहा था तालिबान अमेरिका के जख्मों को कुरेदने के लिए ऐसा कर रहा है. लेकिन अब इस्लामिक एमिरेट ने शपथ ग्रहण समारोह को ही रद्द कर दिया है. ऐसे में तालिबान के इस कदम को लेकर कई तरह के कयास भी लगाए जाने लगे हैं.
खूंखार आतंकी को तालिबान ने बनाया है गृह मंत्री
तालिबान की नई केयरटेकर सरकार में एक से बढ़कर एक कट्टर चेहरों को जगह दी गई है. तालिबान ने अफगानिस्तान का नया गृह मंत्री उस खूंखार आतंकी को बनाया है, जिस पर अमेरिका ने 50 लाख डॉलर का इनाम रखा हुआ है. आतंकी गुट हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी को देश का नया इंटीरियर मंत्री बनाया गया है. हक्कानी साल 2008 में काबुल में हुए बम धमाके में एफबीआई का मोस्ट वॉन्टेड है. होटल में हुए इस धमाके में छह लोगों की जान चली गई थी. उस पर तत्कालीन अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई की हत्या करने की योजना बनाने में शामिल रहने का भी आरोप लग चुका है. इसके अलावा भी हक्कानी कई वीभत्स आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका है.
तालिबान सरकार से पाकिस्तान ने रखी उम्मीद
आतंकवादियों को पनाह देने के लिए दुनियाभर में कुख्यात पाकिस्तान को तालिबान सरकार से काफी उम्मीदे हैं. हालांकि, यह भी किसी से छिपा हुआ नहीं है कि किस तरह से पहले पाकिस्तान ने पर्दे के पीछे से तालिबान को मदद मुहैया करवाई और अब वह खुले तौर पर तालिबान सरकार के पूरी तरह से पक्ष में आकर खड़ा हो गया है. पाकिस्तान ने उम्मीद जताई है कि तालिबान के नेतृत्व वाली अफगानिस्तान में नई केयरटेकर सरकार युद्धग्रस्त देश में शांति, सुरक्षा और स्थिरता लाएगी और अफगान लोगों की मानवीय और विकास संबंधी जरूरतों का ध्यान रखने की दिशा में काम करेगी. विदेश कार्यालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार अहमद ने कहा, ''पाकिस्तान अफगानिस्तान में उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है, जिसमें अफगानिस्तान की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए नए राजनीतिक ढांचे का गठन भी शामिल है.''