scorecardresearch
 

अफीम की खेती पर तालिबान ने लगाया बैन, फरमान का उल्लंघन करने वालों के लिए इस सजा का हुआ ऐलान

Afghanistan News: अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबानी हुकूमत ने वहां के किसानों को मुश्किल में डाल दिया है. देश के किसान जब अफीम की खेती के फूल तोड़ रहे हैं तब सरकार ने अफीम की खेती पर प्रतिबंध लगाने का फरमान जारी किया है.

Advertisement
X
सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अफगानिस्तान में दिहाड़ी मजदूरों की आय का मुख्य स्त्रोत अफीम की खेती है
  • अफगानिस्तान में 1990 में भी अफीम की खेती पर बैन लगा था

अफगानिस्तान में सत्तारूढ़ तालिबान ने रविवार को अफीम की खेती पर प्रतिबंध लगाने का फरमान जारी कर दिया है. तालिबानी हुकूमत में यह फरमान ऐसे समय में जारी किया गया है, जब अफगानिस्तान के किसानों ने लाल फूल की कटाई शुरू कर दी. इन्हीं लाल फूलों से हेरोइन बनाने में इस्तेमाल होने वाली अफीम मिलती है.

Advertisement

फरमान जारी करते हुए तालिबान ने अफगानिस्तान के किसानों का चेतावनी भी दी है. तालिबानी फरमान में कहा गया है कि अगर वे कटाई जारी रखेंगे तो उनकी फसल जला दी जाएगी और उन्हें कैद की सजा तक सुनाई जा सकती है.

तालिबानी हुकूमत के इस फरमान ने एक बार फिर अफगानिस्तान को 1990 के दशक की याद दिला दी है. जब वहां की सरकार ने अफीम की खेती को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया था. तालिबान ने तब यह प्रतिबंध दो साल के भीतर पूरे मुल्क में लागू कर दिया है.

गेंहू के नाम पर किसानों ने की थी अफीम की बुआई
संयुक्त राष्ट्र ने अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्सों में अफीम की खेती पूरी तरह से बंद होने पुष्टि की थी. हालांकि, 2001 में अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत खत्म होने के बाद मुल्क के कई हिस्सों में किसानों ने कथित तौर पर अपने गेंहू के खेतों की जुताई करते हुए वहां अफीम की फसल की बुआई कर दी थी. दरअसल, सड़कों और बुनियादी ढांचे की कमी के कारण किसानों के लिए गेहूं को बाजार तक ले जाना लगभग नामुमकिन था.

Advertisement

दिहाड़ी मजदूरों की आय का मुख्य स्त्रोत
अफगानिस्तान में अफीम की खेती किसानों और दिहाड़ी मजदूरों के लिए आय का मुख्य स्रोत है, जो इसके जरिये प्रति माह औसतन 300 डॉलर तक की कमाई कर लेते हैं.

मादक पदार्थ और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान दुनिया का सबसे बड़ा अफीम उत्पादक देश है. आंकड़ों के मुताबिक 2021 में तालिबान के कब्जे से पहले मुल्क में अफीम उत्पादन 6,000 टन था.

 

Advertisement
Advertisement