अफगानिस्तान के हेरात प्रांत से एक भारतीय को बंदूक की नोक पर अगवा कर लिया गया है. इस अपहरण में आतंकवादी संगठन तालिबान का हाथ बताया जा रहा है. अगवा किए गए शख्स की सुरक्षित रिहाई के लिए परिवारवालों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है.
वहीं, अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि हेरात प्रांत से बंदूकधारियों द्वारा एक भारतीय सहायता कर्मी का अपहरण किए जाने की घटना को लेकर उनका देश भारत और अफगानिस्तान के साथ संपर्क बनाए हुए है.
विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘हमें इन खबरों की जानकारी है कि हेरात के समीप एक भारतीय नागरिक का अपहरण कर लिया गया.’ संवाददाताओं ने उनसे अफगानिस्तान में ‘जेसुइट रिफ्यूजी सर्विस’ (जेआरएस) के निदेशक 47 साल प्रेम कुमार के अपहरण के बारे में पूछा था.
प्रवक्ता ने बताया, ‘इस मुद्दे पर हम भारतीय और अफगान अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं.’ तमिलनाडु निवासी कुमार एक शैक्षिक परमार्थ संस्था जेआरएस के लिए काम करते हैं और इसकी अफगानिस्तान शाखा के निदेशक हैं. वह पिछले तीन साल से भी अधिक समय से युद्ध प्रभावित देश अफगानिस्तान में हैं. अफगानिस्तान जाने से पहले कुमार जेआरएस की ओर से तमिलनाडु में रह रहे श्रीलंकाई शरणार्थियों के लिए काम कर रहे थे.
कुमार कुछ अन्य अध्यापकों के साथ हेरात शहर से करीब 25 किमी दूर सोहादत गांव में वापस लौटने वाले शरणार्थियों के लिए जेआरएस समर्थित स्कूल के दौरे पर थे. जेआरएस ने बताया कि वह हेरात लौटने वाले थे कि स्कूल से ही बीते रविवार को उनका अपहरण कर लिया गया.
अपहरण की इस घटना से करीब 10 दिन पहले हेरात स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर चार बंदूकधारियों ने रॉकेट से छोड़े जाने वाले ग्रेनेडों और मशीन गनों से हमला किया था। सुरक्षा बलों ने 23 मई को हुआ यह हमला नाकाम कर दिया और हमलावरों को मार डाला था. हेरात में भारतीय मिशन ने 29 मई को एक परामर्श जारी कर अपने नागरिकों से बाहर जाते समय बहुत ज्यादा सावधानी बरतने को कहा था.