19 साल, 10 महीने और 25 दिनों के बाद अमेरिका ने आखिरकार अफगानिस्तान को छोड़ दिया है. दो दशकों की लड़ाई लड़ने के बाद अमेरिका यहां से लौटा है, जिसे एक बड़ी हार माना जा रहा है. सोमवार की देर रात को जब अमेरिका का आखिरी विमान काबुल एयरपोर्ट से उड़ा, तो तालिबान के लड़ाकों ने जमकर जश्न मनाया. काबुल की सड़कों पर तालिबान द्वारा हवाई फायरिंग की गई.
अमेरिका के काबुल छोड़ने के बाद अब काबुल एयरपोर्ट पर तालिबान का कब्जा हो गया है. यानी अगर अब किसी को देश से बाहर जाना है, तो तालिबान की इजाजत के बाद ही जाना होगा. अफगानिस्तान पर अब तालिबान का पूरी तरह कंट्रोल है.
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— Muslim Shirzad (@MuslimShirzad) August 30, 2021
यही कारण है कि करीब 20 साल की इस लड़ाई का जश्न मनाने में तालिबान ने कोई कसर नहीं छोड़ी. अमेरिका के वापस लौटते ही नॉनस्टॉप हवाई फायरिंग की गई और जश्न मनाया गया. सिर्फ फायरिंग ही नहीं तालिबान की ओर से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद पटाखे भी जलाए गए और आसमान को रोशन कर दिया गया.
''अब हम पूरी तरह से आज़ाद हुए''
तालिबान ने अमेरिका के वापस लौटने पर बयान भी दिया है. कहा गया है कि 20 साल तक हमारे लोगों को मारने, हजारों लोगों को घायल करने और आर्थिक नुकसान पहुंचाने के बाद आखिरकार अमेरिका यहां से वापस लौट गया है. तालिबान ने ऐलान किया कि अब अफगानिस्तान पूरी तरह से आज़ाद है.
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— lyse doucet (@bbclysedoucet) August 30, 2021
आपको बता दें कि 2001 में ओसामा बिन लादेन को मारने से इरादे से अमेरिका ने अफगानिस्तान में कदम रखे थे. तब से लेकर अबतक वो वहां पर ही था और तालिबान-आतंकवाद को खत्म करने की लड़ाई लड़ रहा था. हालांकि, अमेरिका इसमें सफल नहीं हो पाया और अब तालिबान अफगानिस्तान पर राज कर रहा है.
अमेरिका ने 31 अगस्त तक अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाने का ऐलान किया था, इसी के तहत ये मिशन खत्म हुआ है. 14 अगस्त को तालिबान के कब्जे के बाद से अबतक अमेरिका ने एक लाख से अधिक लोगों को काबुल एयरपोर्ट से बाहर निकाला.
अमेरिका का कहना है कि तालिबान के साथ बातचीत कर वह आगे भी लोगों को निकालता रहेगा, फिलहाल किसी अमेरिकी विमान को अफगानिस्तान के एयरस्पेस में नहीं जाने दिया जाएगा.