अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका, ब्रिटेन समेत विभिन्न देशों के रेस्क्यू अभियान की जो शुरुआत हुई थी, वह धीरे-धीरे खत्म होने लगा है. ब्रिटेन ने तीन दिन पहले ही अफगानिस्तान से अपना निकासी अभियान शनिवार को खत्म कर दिया और सभी नागरिकों को वापस अपने देश बुला लिया. अमेरिका का अभियान भी 31 अगस्त तक खत्म हो जाएगा. इस बीच भारतीय और अमेरिकी विदेश मंत्रियों की आपस में अफगानिस्तान समेत विभिन्न मुद्दों पर बातचीत हुई है.
उधर, तालिबान ने शनिवार को पंजशीर घाटी में भी प्रवेश करने का दावा किया. तालिबान ने कहा कि उसके लड़ाके पंजशीर घाटी में घुस गए हैं. हालांकि, इस दावे को पंजशीर के शेर कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद ने खारिज कर दिया है. अफगानिस्तान के स्थानीय न्यूज चैनल टोलो न्यूज के अनुसार, तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के एक सदस्य ने कहा है कि बातचीत का रास्ता अब भी खुला हुआ है.
अमेरिकी विदेश मंत्री की जयशंकर से बात, अफगानिस्तान मुद्दे पर भी चर्चा
अफगानिस्तान में बिगड़े हुए हालात के बीच में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच में शनिवार देर रात बात हुई है. अमेरिकी विदेश विभाग ने बताया है कि दोनों ने अफगानिस्तान और संयुक्त राष्ट्र में निरंतर समन्वय सहित साझा प्राथमिकताओं की व्यापक चर्चा की. दोनों अमेरिका-भारत साझेदारी को गहरा करने के लिए साझा लक्ष्यों और प्राथमिकताओं पर समन्वय बनाए रखने पर सहमत हुए हैं.
Secy of State Antony Blinken spoke with EAM Dr S Jaishankar. They discussed broad range of shared priorities, incl continued coordination on Afghanistan & in UN. Both agreed to remain closely coordinated on shared goals & priorities to deepen US-India partnership:US Dept of State pic.twitter.com/HpnE6FXVe3
— ANI (@ANI) August 28, 2021
'अमेरिका ने 111,900 लोगों को अफगानिस्तान से निकाला'
व्हाइट हाउस ने बताया है कि अमेरिका ने 14 अगस्त से शुरू हुए रेस्क्यू अभियान के बाद काबुल एयरपोर्ट से 111,900 लोगों को सुरक्षित निकाला है. वहीं, काबुल में हुए ब्लास्ट्स के बाद 27 अगस्त सुबह तीन बजे से लेकर 28 अगस्त सुबह तीन बजे तक 6800 लोगों को निकाला जा चुका है. व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि 14 अगस्त के बाद से, अमेरिका ने लगभग 111,900 लोगों को निकालने या उनकी निकासी में मदद की है. जुलाई के अंत से, हमने लगभग 117,500 लोगों को रि-लोकेट किया है.
तालिबान ने काबुल एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई
जैसे-जैसे अमेरिका समेत बाकी देशों का निकासी अभियान खत्म होने की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे तालिबान उस जगह पर भी अपनी सिक्योरिटी को बढ़ा रहा है, जहां पर पहले अमेरिका और बाकी देशों के जवान तैनात थे. काबुल एयरपोर्ट और उसके आस-पास तालिबान ने अपनी सुरक्षा को बढ़ाना शुरू कर दिया है. गुरुवार को हुए बम धमाकों में बड़ी संख्या में लोगों की जान जाने के बाद तालिबान ने एयरपोर्ट के आसपास आधुनिक हथियारों से लैस लड़ाके तैनात कर दिए हैं. इसके साथ ही उनकी संख्या में भी इजाफा किया गया है. 31 अगस्त को अमेरिकी सैनिकों के पूरी तरह से अफगानिस्तान छोड़ देने के बाद एयरपोर्ट पर तालिबान का कब्जा हो जाएगा. तालिबान ने एयरपोर्ट के चेकप्वाइंट्स में भी बढ़ोतरी की है.