अफगानिस्तान में तालिबानी राज की भले वापसी हो चुकी है, लेकिन पंजशीर के शेर उसकी नाक में दम किए हुए हैं. पंजशीर घाटी में अफगान नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स ने तालिबान के खिलाफ पूरी तरह मोर्चा खोले हुए है. इस बीच एक तस्वीर खूब वायरल हो रही है.
वायरल तस्वीर के जरिए दावा किया जा रहा है कि तालिबान पंजशीर के उस किताबों की अलमारी तक पहुंचा गया है, जहां से पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने वीडियो संदेश जारी किया था. वैसे तालाबिन की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि उसने पंजशीर पर कब्जा कर लिया है, लेकिन अमरुल्लाह सालेह और अहमद मसूद अब तक उसके दावे को खारिज करते आए हैं.
Various sources indicate that Rohullah Saleh, brother of @AmrullahSaleh2 has been killed in fighting in #Panjshir.
— Hamza Azhar Salam (@HamzaAzhrSalam) September 10, 2021
Pro #Taliban accounts are sharing this picture claiming that #Talibans have entered the library where #AmrullahSaleh sent a video message a few days ago. #Panjsher pic.twitter.com/DM0S6Olbu3
सालेह के बड़े भाई की हत्या
कहा जा रहा है कि गुरुवार रात को तालिबान और नॉदर्न अलायंस के बीच हिंसक झड़प हुई थी. उस घटना में ही अमरुल्लाह सालेह के बड़े भाई को मार गिराया गया. तालिबान के लड़ाकों ने रोहुल्लाह सलेह को काफी टॉर्चर किया था. हालांकि भाई की हत्या पर अमरुल्लाह सालेह की तरफ से भी कोई प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिल रही है.
वहीं, रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान ने गुरुवार रात को पंजशीर घाटी में रोहुल्लाह को पहले टॉर्चर किया और बाद में बेरहमी से उनकी हत्या कर दी. रोहुल्ला के भतीजे इब्दुल्ला ने बताया कि तालिबानी कह रहे थे कि उनका शरीर 'सड़ना' चाहिए.
पाकिस्तान लगातार साजिश रच रहा है
पाकिस्तान लगातार साजिश रचते हुए सालेह को मारने की कोशिश कर रहा है, जिससे जल्द-से-जल्द पंजशीर पर तालिबानियों का कब्जा हो सके. पंजशीर के कई जिलों को अफगान नेशनल रेसिस्टेंस फोर्स ने फिर से अपने कब्जे में ले लिया है. ये जिले पारियान, अबशार और दारा जिले हैं. इन जिलों पर इन जिलों पर रेसिस्टेंस फोर्स के लड़ाकों का पूरी तरह से कब्जा है.
शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन नहीं
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन नहीं करने का फैसला लिया है. उसने इसे पैसों और संसाधनों की बर्बादी बताया है. पहले माना जा रहा था कि 11 सितंबर को शपथ ग्रहण समारोह रखा जा सकता है, जिसमें पाकिस्तान, चीन समेत कई देशों को न्योता भेजा सकता है, लेकिन फिर अमेरिका में 20 सालों पहले हुए आतंकी हमले की बरसी होने के चलते इसे टाल दिया गया. अब यह रिपोर्ट्स सामने आई हैं कि तालिबान सरकार कोई भी ऐसा आयोजन नहीं करने जा रही है.